बंशलोचन (तबाशीर) सबके लिए फायदेमंद है, जानें इसके लाभ | Banslochan (Tabasheer) Health Benefits and Uses|

Lekhadda
0

बंशलोचन (तबाशीर) सबके लिए फायदेमंद है, जानें

 इसके लाभ

 Banslochan Health Benefits and Uses 


 

दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे तबाशीर या बंसलोचन (Banslochan) के बारे में।


        तबाशीर या बंसलोचन बांस की कुछ नस्लों के जोड़ों से मिलने वाला एक पारभासी सफ़ेद पदार्थ होता है। यह मुख्य रूप से सिलिका, पानी, कम मात्रा में खार और चूने का बना होता है। भारतीय उपमहाद्वीप की आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा प्रणालियों की दवा सूचियों में इसका अहम स्थान है। पारम्परिक चीनी चिकित्सा के कई नुस्खों में भी इसका प्रयोग होता है।

बंशलोचन क्या होता है? (What is Banslochan)

बंशलोचन (तबाशीर) सबके लिए फायदेमंद है, जानें  इसके लाभ | Banslochan (Tabasheer) Health Benefits and Uses|

       बंशलोचन (Banslochan) बांस के पेड़ की एक किस्म से बनता है। वंशलोचन जिस किस्म की जाति के बांस के अन्दर से निकलता है उसे नजला बांस कहते हैं। नजला बांस मादा जाति का होता है। असल में, ये बांस का एक तना होता है जो कुछ 'पत्तियों के साथ बाहर से सख्त और अंदर से नरम होता है। जिसकी वजह से इसमें एक तरह का मद जम जाता है जो सूखने के पश्चात् निकाला लिया जाता है। इसी मद को हिन्दी में बंशलोचन (वंशलोचन) या ताबाशीर कहते हैं। बंशलोचन (वंशलोचन), बांसकपूर या ताबाशीर दिखने में एक सफेद पदार्थ की तरह दिखता है, जो मुख्य रूप से सिलिका और पानी से बना होता है। जिसमें चूने और पोटाश के निशान होते हैं, जो बांस की कुछ प्रजातियों से प्रायः ही देखने को मिल जाते हैं। वंशलोचन का अपना कोई स्वाद नहीं होता है। लेकिन ये जीभ पर लगाते ही मुँह का पानी सोख लेता है। यह गंधहीन होता है, और इसकी शेल्फ लाइफ लगभग 14 महीने के आस पास होती है। वंशलोचन की खास बात ये है कि ये औषधीय गुणों से भरपूर होता है और ये बड़े से लेकर बच्चों तक सबके लिए बेहद फायदेमंद होता है। 

बंशलोचन के औषधीय गुण। (Medicinal Properties Of Banslochan)


          बंशलोचन की खास बात ये है कि इसमें सिलिकॉन डाइऑक्साइड है, जो हड्डियों, जोड़ों, टेंडन और त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता। वंशलोचन के सेवन से शरीर के ऊतकों का पूरी तरह से विकास होता है। आयुर्वेद के अनुसार, ये इम्यूनो - मॉड्यूलेटर की तरह काम करता है जो कि हमारे इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद करता है। इस तरह ये हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, और हमारे शरीर को मौसमी बीमारियों से बचाने में मदद करता है। 

इसके अलावा भी इसमें कुछ खास औषधीय गुण होते हैं, जैसे कि कैल्शियम, आयरन, एंटी इंफ्लेमेटरी, इम्यूनिटी बूस्टर, एंटासिड, गठिया रोधी एंटी बैक्टीरियल तथा अन्य।

अलग-अलग भाषाओं में बंशलोचन को भिन्न–भिन्न नामों से जाना जाता है। (Banslochan is Known By Different Names in Different Languages)


  • संस्कृत - वंशलोचन, त्वक्क्षीरी, क्षीरिका, कपूर रोचना, तुङ्गा, रोचनिका, पिगाः बंशशर्करा, बंस कर्पूर ।
  • हिन्दी - बंशलोचन।
  • गुजराती - बांसकपूर। 
  • बंगला - बंशलोचन, बांसकावर ।
  • मराठी - बंशलोचन ।
  • फारसी - तबाशीर ।
  • अंग्रेजी - Rambo Manna।
  • लेटिन - Bambuna Arundinacea (बाबुना अरंडीनेसिया )।


असली बंशलोचन की पहचान कैसे करें? (How to Identify Real Banslochan)


बंशलोचन (तबाशीर) सबके लिए फायदेमंद है, जानें  इसके लाभ | Banslochan (Tabasheer) Health Benefits and Uses|



        असली बंशलोचन सफेद रंग का होता है। मगर उस पर नीले रंग के निशान होते है जो देखने में झाई जैसे लगते हैं। असली बंशलोचन को लकड़ी अथवा पत्थर पर घिसने से किसी तरह का कोई निशान नहीं आता है। बंशलोचन को हाथ की चुटकी में लेकर दबाने से यह नहीं टूटता और मुंह में रखने पर भी असली बंशलोचन एक दम नहीं गलता। नकली बंशलोचन असली के बराबर ओज पूर्ण नहीं होता । उसको पत्थर पर घिसने से उसकी लकीर उधड़ जाती है। असली बंशलोचन में पानी को सोख लेने की शक्ति रहती है और पानी सोख लेने के पश्चात् वह पारदर्शक हो जाता है। नकली बंशलोचन पानी में डालते ही घुल जाता है। इस वस्तु की कीमत अधिक होने की वजह से बंशलोचन में कई प्रकार की नकली चीजों की मिलावट कर दी जाती है इसलिये बंशलोचन खरीदते समय बहुत सावधानी रखने की जरूरत होती है। 

युनानी और आयुर्वेद के अनुसार बंशलोचन के गुण। (Properties of Banshalochan According to Yunani and Ayurvedic)


  • युनानी और आयुर्वेद के अनुसार बंशलोचन दूसरे दर्जे का सर्द और खुश्क होता है।
  • युनानी और आयुर्वेद के अनुसार बंशलोचन काबिज, हृदय को आनन्द देने वाला होता है।
  • युनानी और आयुर्वेद के अनुसार बंशलोचन आमाशय की गरमी को दूर करने वाला और प्यास को बुझाने वाला होता है।
  • युनानी और आयुर्वेद के अनुसार बंशलोचन हृदय, यकृत और आमाशय को यह ताकत देता है ।
  • युनानी और आयुर्वेद के अनुसार बंशलोचन पीसकर मुंह में बुरबुराने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
  • युनानी और आयुर्वेद के अनुसार बंशलोचन खांसी, बुखार, पित्तरोग, गरमी का पागलपन, बेहोशी तथा पित्त के दस्त और वमन में यह बहुत फायदेमंद साबित होता है।
  • युनानी और आयुर्वेद के अनुसार गर्मी की वजह से दिल में दशहत, गमगीनी और बहम पैदा हो जाय तो बंशलोचन प्रयोग से बहुत लाभ मिलता है।
  • युनानी और आयुर्वेद के अनुसार गर्मी की वजह से पैदा हुई आंखों कि जलन में भी बंशलोचन बहुत लाभकारी होता है।
  • युनानी और आयुर्वेद के अनुसार बवासीर से बहने वाले खून और अनैच्छिक वीर्य स्राव को भी बंशलोचन बन्द करता है।
  • युनानी और आयुर्वेद के अनुसार जिनको बहुत अधिक प्यास लगती हो उन्हें बंशलोचन की एक पोटली में बांधकर उसे पानी में डाल दें और उस पानी में से थोड़ा–थोड़ा पानीं पिए तो उनको बहुत लाभ होगा।
  • युनानी और आयुर्वेद के अनुसार मिट्टी खाने वाले बच्चों को इसकी कंकरी हाथ में देने से उनकी मिट्टी खाने की आदत छूट जाती है ।
  • युनानी और आयुर्वेद के अनुसार बंशलोचन रूखा, कसेला, मधुर, रक्त को शुद्ध करने वाला होता है।
  • युनानी और आयुर्वेद के अनुसार यह शीतल, ग्राही, वीर्यवर्धक, कामोद्दीपक और क्षय रोग को दूर करता है।
  • युनानी और आयुर्वेद के अनुसार यह श्वास, खांसी, रुधिर विकार, मन्दाग्नि, रक्त पित्त, ज्वर, कुष्ठ, कामला, पांडुरोग, दाह, तृषा, व्रण, मूत्रकृच्छ और वात को नष्ट करता है।

बंशलोचन खाने से होने वाले फायदे। (Benefits of Eating Banshalochan)


चेहरे की रंगत निखारने में बंशलोचन का उपयोग। (Use of Banshlochan in Improving Facial Complexion)


          बंशलोचन चेहरे की रंगत निखारता है और आपकी स्किन को गोरा करने में मदद करता है। ऐसा कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी में जो महिलाएं बंशलोचन को खाती हैं। उनके बच्चे गोरे होते हैं। इसके अलावा बंशलोचन खून साफ करने में भी मदद करता है, जिससे कील-मुंहासे से छुटकारा मिलता है और चेहरे की रंगत भी साफ होती है।

एसिडिटी की समस्या को दूर करता है बंशलोचन। (Banshlochan Removes The Problem of Acidity)


        बंशलोचन एसिडिटी की समस्या को दूर करता है। एसिडिटी मुख्यत: पेट में ज्यादा एसिड प्रोडक्शन होने की वजह से होती है। ऐसे में बंशलोचन आपकी काफी मदद कर सकता है। सुबह खाली पेट बंशलोचन का सेवन करने से एसिडिटी की समस्या को कम किया जा सकता है। साथ ही जिन लोगों को कब्ज की दिक्कत होती है उन लोगो के लिए भी बंशलोचन बहुत फायदेमंद है।

बालों के विकास में मददगार साबित होता है बंशलोचन। (Banshlochan Proves Helpful in Hair Growth)


       बंशलोचन बालों के विकास को प्रोत्साहित करता है और बालों को जाड़ों से मजबूत करता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक सिलिका बालों को पतला होने और बालों को झड़ने से रोकती है। इसका प्रतिदिन सेवन करने से स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और बालों की जड़ें मजबूत रहती हैं, साथ ही बाल तेजी से बढ़ते हैं।

You May Also Like:

मुंह के छालों में बंशलोचन का उपयोग। (Use of Banshlochan in Mouth Ulcers)


              बंशलोचन मुंह के छालों को दूर करता है। जिन लोगों को मुंह में छाले की समस्या हर कुछ दिनों पर हो जाती है उन्हें वंशलोचन को शहद में मिला कर इसका सेवन करना चाहिए। दरअसल, मुंह के छाले पेट की गर्मी बढ़ जाने के कारण होने लगते हैं। बंशलोचन और शहद का एंटीबैक्टीरियल गुण माउथ इंफेक्शन को कम करता है और मुंह के छालों को ठीक करने में मदद करता है।

हड्डियों को मजबूत बनाता है बंशलोचन। (Banshlochan Strengthens Bones)


         बंशलोचन में कैल्शियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो कि हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसे अगर आप प्रेग्नेंसी के समय खाएं तो, आपके बच्चे की हड्डियों का विकास होता है। बड़े बच्चों को खिलाएं तो उनकी हड्डियां मजबूत होती है और बढ़ती उम्र में खाएं तो, ये हड्डियों को मजबूत बनाता है और साथ ही जोड़ों के दर्द, गठिया और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसे समस्याओं से भी बचाता है। आप वंशलोचन को दूध में मिला कर पी सकते हैं।

वीर्य रोग में बंशलोचन खाने से लाभ। (Benefits of Banshlochana in Semen Disease) 


  • बंशलोचन और छोटी इलायची को पीसकर सुबह-शाम घी और चीनी में मिलाकर लेने से वीर्य के रोग दूर होते हैं।
  • बंशलोचन को पीस लें और उसमें चीनी मिला लें। इस मिश्रण को सुबह- शाम दूध से लेते रहने से भी वीर्य रोग में लाभ होता है।

पित्त शांत करने में मददगार है बंशलोचन। (Banshlochan is Helpful in Calming Bile)


         बंशलोचन ठंडी तासीर का होता है इसलिए जिन लोगों को हाथ पैर में जलन और हाथ से पसीने निकले की परेशानी होती है उनके लिए भी बंशलोचन का सेवन फायदेमंद है। ये पित्त को शांत करता है और शरीर के बाकी दोष जैसे कि वात, पित्त और कफ में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसके लिए आपको बंशलोचन के पानी का नियमित रूप से सेवन करना होगा।

शरीर को डिटॉक्स करने में बंशलोचन का होता है इस्तेमाल। (Banshlochan is Used to Detox The Body)


          बंशलोचन शरीर को डिटॉक्स करता है और शरीर के सभी अंगों के काम काज करने की क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करता है। ये शरीर के विषाक्त पदार्थों को दूर करता है और आंतों की सफाई करने में भी मददगार साबित होता है। इसके अलावा बंशलोचन मेटाबोलिज्म को तेज करने में भी मददगार होता है।

बंशलोचन बच्चों में मिट्टी खाने की आदत को दूर करता है। (Banshlochan Removes The Habit of Eating Soil in Children)


बंशलोचन (तबाशीर) सबके लिए फायदेमंद है, जानें  इसके लाभ | Banslochan (Tabasheer) Health Benefits and Uses|


         बंशलोचन बच्चों में मिट्टी खाने की आदत को दूर करता है। कुछ बच्चों को मिट्टी खाने की आदत होती है। बच्चों की ये आदत आसानी से नहीं जाती है। ऐसे में बच्चों की इस आदत को दूर करने में बंशलोचन आपकी मदद कर सकता है। बंशलोचन को पीस लें और शहद में मिला कर इसकी गोलियां बना कर बच्चों को दें। इससे बच्चों में कैल्शियम की कमी दूर हो जाएगी और उनकी मिट्टी खाने की आदत छूट जाएगी।

बच्चों के दांत निकलते समय बंशलोचन का फ़ायदा। (Benefits of Banshlochan At The Time Of Teething of Children)


        जिस समय बच्चों के दांत निकलते हैं उस समय पर बच्चे को बंशलोचन और शहद मिलाकर चटाने से बच्चों के दांत सुन्दर निकलते हैं और साथ ही दांतों के निकलते समय होने वाले दर्द से भी आराम मिलता है।

महिलाओं के लिए बंशलोचन है फायदेमंद। (Banshlochan is Beneficial For Women)


बंशलोचन (तबाशीर) सबके लिए फायदेमंद है, जानें  इसके लाभ | Banslochan (Tabasheer) Health Benefits and Uses|

पीरियड्स के क्रैम्प्स को कम करने में मदद करे बंशलोचन। (Banshlochan can Help in Reducing Period Cramps)


       बंशलोचन महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है। ये पीरियड्स के क्रैम्प्स को कम करने में मदद करता है और शरीर में खून की कमी भी नहीं होने देता। साथ ही जिन महिलाओं में आयरन की कमी होती है उनके लिए भी बंशलोचन बहुत फायदेमंद है। ये उन्हें एनीमिया के लक्षण को कम करने में मदद करता है। 

गर्भपात होने की समस्या से निजात दिलाए बंशलोचन। (Banshlochan to Get Rid of The Problem of Abortion)


          बंशलोचन का उपयोग गर्भ की रक्षा करने में भी किया जाता है। बंशलोचन को पानी या दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से गर्भपात नहीं होता है और गर्भ शक्तिशाली बनता है। इससे गर्भवती स्त्री और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य ठीक रहता है। 

स्त्रियों के प्रदर रोग में बंशलोचन का उपयोग। (Use of Banshlochan in Leucorrhoea in Women)


       जिन स्त्रियों को प्रदर रोग (Leucorrhoea) की समस्या होती है उनको बंशलोचन, नागकेसर, छोटी इलायची को पीसकर चीनी में मिलाकर इस मिश्रण को एक चम्मच कच्चे दूध में सुबह- शाम सेवन करना चाहिए इसका सेवन करने से प्रदर रोग में लाभ होता है।


खांसी में बंशलोचन का सेवन। (Consumption of Banshlochan in Cough)


        बंशलोचन एक ऐसा द्रव्य है जो अनेक औषधियों में प्रयुक्त होता है। बहुत सी प्रसिद्ध औषधियां इसके योग से बनती हैं। खांसी और सांस के रोग में इसका सेवन कर के लाभ उठाया जा सकता है। खांसी अगर सूखी हो तो बंशलोचन शहद के साथ मिलाकर चाटने से दूर हो जाती है। सांस के रोग में भी बंशलोचन बहुत लाभकारी होता है। बंशलोचन के चूर्ण में पीपल का चूर्ण मिलाकर शहद के साथ देने से सांस रोग में लाभ मिलता है।

पेट में होने वाली सूजन को कम कर सकता है बंशलोचन। (Banshlochan Can Reduce Swelling in The Stomach)


        बंशलोचन पेट में होने वाली सूजन को कम करता है। पेट में सूजन होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि पेप्टिक अल्सर, अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग आदि। इन सब रोगों में पेट का अस्तर प्रभावित होने लगता है और पेट में सूजन आ जाती है। ऐसे में मुलेठी के साछ बंशलोचन लेने से आपको फायदा मिल सकता है।

यकृत का बढ़ना कम कर सकता है बंशलोचन। (Banshlochan can Reduce Liver Enlargement)


  • बंशलोचन को शहद के साथ मिलाकर रोगी को चटाकर खिलाने से यकृत (जिगर) वृद्धि में बहुत लाभ होता है।
  • यदि यह समस्या किसी बच्चे को हो तो असली बंशलोचन बच्चे को सुबह-शाम दूध या शहद के साथ सेवन कराने से लाभ होता हैं।
  • बंशलोचन, पपीता और चिरायता का चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से भी यकृत वृद्धि रोकने में बहुत फायदा होता है। 

Disclaimer-  तबाशीर या बंसलोचन के प्रयोग की दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है। इसके किसी भी तरह के चिकित्सकीय प्रयोग से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। Lekhadda इसकी पुष्टि नहीं करता। यदि आपको हमारा यह लेख पसन्द आया हो तो आप इस लेख को दूसरों के साथ शेयर करके इस गुणकारी खाद्य पदार्थ से जुड़ी जानकारियों को दूसरों के साथ भी साझा करना न भूलें।


यदि आपके पास भी Hindi में कोई Article या Story या कोई भी जानकारी है, जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं, तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ हमें E-mail 📧 करें।
हमारी 📧ID है: lekhaddaofficial@gmail.com आपके द्वारा भेजी गई सामाग्री पसन्द आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ जरूर PUBLISH करेंगे।

Thanks!❤️

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top