गुड़ खाने के फायदे और नुकसान | Jaggery
Benefits and Side Effects in Hindi
गुड़ को तो हम सभी जानते हैं। हममें से किसी को गुड़ खाना पसंद होगा और किसी को नापसन्द किन्तु आज का हमारा यह लेख पढ़ने के बाद आप गुड़ जरूर खाना चाहेंगे भले ही आप को गुड़ नापसंद ही क्यों न हो।
तो आईए जानते हैं गुड़ में ऐसा क्या है कि आप उसे जरूर खाना चाहेंगे।
गुड़ को प्राकृतिक मिठाई के तौर पर जाना जाता है। आज कल के युवा वर्ग भले ही गुड़ बहुत ज्यादा पसंद न करते हों, लेकिन बड़े-बुजुर्ग आज के समय में भी अपने दिन की शुरुआत गुड़ खाकर ही करते हैं। बहुत से बुजुर्ग लोग अक्सर ही पानी पीते समय गुड़ खाना पसंद करते हैं।
गुड़ में पोषक तत्वों की भरमार होती है। इसमें आयरन से लेकर कैल्शियम तक शरीर के लिए ज़रूरी लगभग सभी तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। गुड़ हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। लोगों को इसका स्वाद भी काफी पसंद होता है। अक्सर लोग खाना खाने के बाद गुड़ खाना पसंद करते हैं। गुड़ हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में काफी मदद करता है।
सबसे पहले जानते हैं, गुड़ होता क्या है? (What is Jaggery)
गुड़ (Jaggery) एक प्राकृतिक उत्पाद है। गुड़ एक मीठा ठोस खाद्य पदार्थ है जो ईख, ताड़ और खजूर के रस को उबालकर कर सुखाने के बाद प्राप्त होता है। इसका रंग हल्के पीले से लेकर गाढ़े भूरे रंग तक हो सकता है। भूरा रंग कभी-कभी काले रंग का भी आभास देता है। यह खाने में मीठा होता है। गुड़ को प्राकृतिक खाद्य पदार्थों में सबसे अधिक मीठा कहा जा सकता है। यह चीनी की तुलना में अधिक गुणकारी होता है। वैसे तो गुड़ हमेशा ही सूखा और ठोस होता है, पर वर्षा ऋतु में या जब हवा में नमी अधिक रहती है तब गुड़ हवा में मौजूद पानी को अवशोषित कर अर्ध तरल सा भी हो जाता है। यह पानी में आराम से घुल जाता है, और इसमें उपस्थित अपद्रव्य (impurity) जैसे कोयले, पत्ते, ईख के छोटे टुकड़े आदि को आसानी से इससे अलग किए जा सकते हैं। गर्म करने पर यह पहले पिघलने सा लगता है और अंत में जलने के पूर्व अत्यधिक भूरा काला सा हो जाता है।
गुड़ कैसे बनता है। (How Jaggery is Made)
भारत में गुड़ उत्पादन के लिए आज भी पारंपरिक तरीकों का उपयोग किया जाता है क्योंकि इसकी अधिकांश निर्माण इकाइयां ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। गुड़ बनाने की प्रक्रिया चीनी की तुलना में आसान और अधिक सुविधाजनक है। गुड़ मुख्य रूप से मानव उपभोग के लिए होता है और इसका उपयोग मीठी चीजें बनाने में किया जाता है।
आइए जानते हैं गन्ने से गुड़ कैसे तैयार किया जाता है। (Let Us Know How Jaggery Is Prepared From Sugarcane.)
- सबसे पहले पके हुए गन्ने को खेतों से काटकर एक स्थान पर इकट्ठा किया जाता है।
- इसके बाद गन्ने को साफ कर के मशीनों कि सहायता से उसका रस निकाला जाता है।
- फिर उस रस को बड़े-बड़े ड्रमों में एकत्र किया जाता है।
- गन्ने से रस निकालने के बाद शेष बचे हुए गन्ने के अवशेषों को खुले स्थानों पर सुखाने के लिए डाल दिया जाता है।
- यही बचे हुए गन्ने के छिलके गुड़ पकाने वाली भट्टी में ईंधन के रूप में प्रयोग किए जाते हैं ।
- रस को बड़ी बड़ी कढ़ाईयों में डालकर उबाला जाता है जब रस उबलने लगता है तब गुड़ कढ़ाई में जमने लगता है।
- जब रस जमने की स्थित में आ जाता है, तो इसे किसी चलनी से चलाकर बीच-बीच में अनावश्यक चीजें हटा देते हैं।
- रस अच्छी तरह से पका है या नहीं इसकी जांच करने के लिए इसमें कुछ पानी डाला जाता है और उसे कुछ देर के लिए और पकने के लिए छोड़ दिया जाता है।
- अच्छी तरह से रस पकने के बाद उसे एक बड़ी कलछुल या चट्टू से निकालकर मुट्ठी में लेकर लड्डू जैसा या फिर सांचे की मदद से मनचाहा आकार बनाकर सुखा लिया जाता है।
- यह सूखा हुआ प्रदार्थ ही गुड़ होता है।
- अब गुड़ बाज़ार में बिकने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है।
गुड़ में पाये जाने वाले पोषक तत्व। (Calories and Nutrition of Jaggery)
सिर्फ 20 ग्राम गुड़ में 38 कैलोरी होती है। और इसमें 9.8 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 9.7 ग्राम चीनी, 0.01 ग्राम प्रोटीन, कोलीन, बीटाइन, विटामिन बी 12, बी 6, फोलेट, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, मैग्नीशियम, सेलेनियम और मैंगनीज होता है। इसमें किसी भी प्रकार की वसा नहीं होती है, इसलिए अत्यधिक वसा के सेवन की चिंता किए बिना इसे आसानी से अपने आहार में शामिल कर सकते है। हालांकि इसकी चीनी की मात्रा सफेद चीनी के समान ही होती है, इसलिए मधुमेह से पीड़ित रोगियों को इसके अधिक सेवन से बचना चाहिए।
गुड़ के प्रकार। (Jaggery Types)
ऐसा नहीं है, कि गुड़ को सिर्फ गन्ने के रस से ही तैयार किया जाता है बल्कि खजूर, नारियल आदि कई चीजे है, जिनसे गुड़ तैयार किया जाता है। आईए जानते हैं कुछ प्रमुख गुड़ के बारे में।
खजूर का गुड़। (Date Jaggery)
खजूर गुड़ को पाम गुड़ के नाम से भी जाना जाता है, इसका स्वाद थोड़ा चॉकलेट जैसा होता है। प्रोसेस प्रोडक्शन के अंतर्गत जाने के बाद भी, ताड़ का गुड़ रिफाइंड चीनी की तुलना में सभी खनिजों को सुरक्षित रखता है। यह आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे खनिजों से भरपूर होता है। इस गुड़ को खजूर का रस निकालकर, पकाने और हाथ से मथने के बाद बनाया जाता है। खजूर की मिठास और खजूर के पौष्टिक फायदे खजूर के गुड़ में मौजूद होते हैं। यह गुड़ अपनी चिकित्सीय लाभ के साथ-साथ अपने अन्य स्वास्थ्य लाभों के लिए भी काफी लोकप्रिय है।
नारियल का गुड़। (Coconut Jaggery)
नारियल गुड़ को अकिण्वित (Unfermented) नारियल के रस से तैयार किया जाता है। कई राज्यों में गन्ने के गुड़ से अधिक नारियल गुड़ का सेवन किया जाता है। यह नारियल गुड़ आपको दक्षिणी भारतीय व्यंजनों में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के गुड़ में से एक है।
ताड़ी या पाम का गुड़। (Toddy Parloun Molasses)
ताड़ी अथवा ताड़ के रस को उबालकर बनाए गए गुड़ को ताड़ी या फिर ताड़ गुड़ के नाम से जाना जाता है। यह गुड़ बनाना म्यांमार की विशेषता है। इसमें ताड़ी/ताड़ की भरपूर सुगंध होती है और इस गुड़ का रंग सुनहरा भूरा होता है।
विश्व के कुल गुड़ उत्पादन का 68% से अधिक भारत में होता है, लेकिन ब्राजील गुड़ का प्रमुख निर्यातक है। इसके अलावा गुड़ का उत्पादन ब्राजील, भारत, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, मैक्सिको आदि कई जगहों में भी होता है। गुड़ के प्रमुख आयातक देश अमेरिका, चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया, जापान आदि हैं।
गुड़ के स्वास्थ्य लाभ। (Jaggery Health Benefits in Hindi)
गुड़ एक अपरिष्कृत (Unprossed) प्राकृतिक चीज है, जो बिना किसी रसायन को मिलाए बनाई जाती है। गुड़ को औषधीय चीनी (Medicinal Sugar) के रूप में जाना जाता है और पोषण की दृष्टि से इसकी तुलना शहद से की जा सकती है। इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में 3000 से भी अधिक वर्षों से स्वीटनर के रूप में किया जाता रहा है। गुड़ ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत है।
पाचन तंत्र को मजबूत बनाए गुड़। (Jaggery Strengthens the Digestive System.)
यदि किसी को पाचन तंत्र मजबूत करना है, तो उसको रोजाना गुड़ का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से गैस, बदहजमी और मतली आने जैसी शिकायतों से छुटकारा मिलता है। गुड़ पेट की समस्याओं से निपटने के एक बेहद आसान और फायदेमंद उपाय में से एक है। यह पेट में गैस बनना और पाचन क्रिया से जुड़ी अन्य समस्याओं को हल करने में बेहद लाभदायक होता है। खाना खाने के बाद गुड़ का सेवन पाचन में सहयोग करता है।
श्वास व फेफड़ों संबंधी समस्याओं से निजात दिलाए गुड़। (Jaggery Provides Relief From Respiratory and Lung Related Problems.)
जिन लोगों को बार-बार सांस की समस्या होती है, उनके लिए गुड़ सबसे फायदेमंद उपायों में से एक हो सकता है। शोध के अनुसार, माना जाता है कि गुड़ शरीर से धूल और अवांछित कणों को बाहर निकालता है। जिससे श्वसन तंत्र, फेफड़े, भोजन नली, पेट और आंतों को राहत मिलती है।
भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा में गुड़ को गले और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज में फायदेमंद माना जाता है।
गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन, जिंक और कॉपर के अंश शामिल होते हैं। गुड़ में फोलिक एसिड और बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन भी पाए जाते हैं।
अस्थमा के इलाज में गुड़ काफी लाभदायक होता है। गुड़ और काले तिल के लड्डू बनाकर खाने से सर्दी में अस्थमा की समस्या नहीं होती और शरीर में आवश्यक गर्मी बनी रहती है।
इसके अलावा सांस संबंधी रोगों के लिए पांच ग्राम गुड़ को समान मात्रा में सरसों के तेल में मिलाकर खाने से सांस संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
सर्वोत्तम परिणामों के लिए काली मिर्च, तुलसी, सोंठ या तिल के साथ गुड़ का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
सर्दी-जुकाम में राहत दे गुड़। (Jaggery Gives Relief From Cold and Cough.)
गुड़ खाने से सर्दी-जुकाम में राहत मिल सकता है। अगर आप इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो अदरक के साथ गुड़ का सेवन करें, तो तेजी से सर्दी-जुकाम में आराम मिल सकता है। गुड़ खाने से गले की खराश भी दूर हो सकती है।
शारीरिक वजन कम करने में मदद करे गुड़। (Jaggery Helps in Reducing Body Weight.)
वर्तमान समय में बिजी लाइफ स्टाइल की वजह से हम सभी का खान पान ऐसा हो गया है कि वजन बढ़ना लगभग सभी लोगों के लिए बहुत ही चिंतनीय मुद्दा बनता जा रहा है, आज कल सभी लोग जंक फूड का सेवन करते हैं।
जिसकी वजह से ज्यादातर लोगों को वजन बढ़ने की समस्या से जूझना पड़ता है। वजन घटाने का एक विश्वसनीय उपाय गुड़ का सेवन है। गुड़ में सुक्रोज की मात्रा काफी अधिक होती है। सुक्रोज को पचाने में शरीर को समय लगता है। यह हमें लंबे समय तक हमारे पेट को भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे हमारी भूख कम होती है।
अगर आप अपने वजन को लेकर परेशान है तो रोजाना अपनी डाइट में दही-गुड़ को शामिल करना शुरू कर दें। इसका सेवन करने से पेट ज्यादा वक्त तक भरा रहता है। और हम ज्यादा खाने से बचते हैं, जिससे वजन कम करने में भी काफी मदद मिलती है।
गुड़ में मौजूद पोटैशियम इलेक्ट्रोलाइट को संतुलित करके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। साथ ही यह वाटर रिटेंशन की समस्या को भी कम करता है। जिसकी वजह से गुड़ खाने वाले व्यक्ति को वेट लॉस में काफी मदद मिलती है।
महिलाओं को मासिक धर्म की समस्याओं से निजात दिलवाने में गुड़ है लाभकारी। (Jaggery Is Beneficial in Providing Relief to Women from Menstrual Problems.)
महिलाओं को मासिक धर्म की समस्याओं में राहत देने के लिए भी गुड़ काफी फायदेमंद है। मासिक धर्म में ऐंठन से होने वाले दर्द को कम करने के लिए गुड़ एक प्राकृतिक उपचार है।
गुड़ के सेवन से एंडोर्फिन रिलीज होता है, जो एक हैप्पी हार्मोन है। जो पीएमएस के लक्षणों जैसे मिजाज, चिड़चिड़ापन, खाने की इच्छा और कई अन्य लक्षणों से छुटकारा दिलाने में सहायता करता है।
गुड़ के नियमित सेवन से अनियमित पीरियड्स को भी नियंत्रित करने में मदद मिलती है। उन दिनों में गुड़ का सेवन करने से हर तरह की तकलीफ में राहत मिलेगी।
शरीर को शुद्ध करने में मदद करता है गुड़। (Jaggery Helps in Purifying the Body.)
लोग आमतौर पर भोजन के बाद गुड़ का सेवन करते हैं क्योंकि यह शरीर के लिए सबसे अच्छे प्राकृतिक सफाई एजेंटों में से एक है।
गुड़ को खाने से आंतों, पेट, भोजन नली, फेफड़ों और श्वसन तंत्र से सभी प्रकार के अवांछित कणों को सफलतापूर्वक निकालने में मदद मिलती है।
इसके अलावा गुड़ रक्त हीमोग्लोबिन स्तर में सुधार करता है, जो बाद में शरीर में सोडियम और पोटेशियम की मात्रा को बढ़ाता है।
गुड़ हमारे शरीर में सोडियम व पोटेशियम के अनुपात तथा अम्लीय प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करता है, जिससे रक्त शुद्ध रहता है।
लीवर के फायदेमंद होता है गुड़। (Jaggery is Beneficial For the Liver.)
लीवर के लिए गुड़ एक प्राकृतिक क्लींजिंग एजेंट है। प्राकृतिक स्वीटनर किसी के शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके अलावा गुड़ लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। इसलिए जिन लोगों को लिवर की बीमारी है, उन्हें गुड़ खाना शुरू कर देना चाहिए ।
सेहतमंद त्वचा के लिए रोज खाएं गुड़। (Eat Jaggery Daily for Healthy Skin.)
गुड़ हमारी त्वचा की सेहत के लिए भी लिए बहुत काम की चीज है। जी हां गुड़ हमारे रक्त से हानिकारक टॉक्सिन्स को बाहर निकाल कर, त्वचा की सफाई में मदद करता है, साथ ही रक्त संचार भी बेहतर करता है। प्रतिदिन थोड़ा सा गुड़ खाने से मुंहासों की समस्या भी नहीं होती और त्वचा में चमक भी आती है। गुड़ हमारी त्वचा की समस्याओं को आंतरिक रूप से ठीक करने में मदद करता है।
कब्ज रोकने में सहायक होता है गुड़। (Jaggery is Helpful in Preventing Constipation.)
पोषक तत्वों से भरपूर स्वीटनर का सेवन मल त्याग को प्रोत्साहित करने और शरीर में पाचन एंजाइमों को सक्रिय करने में सहायता करता है।
जब भी आपने हैवी भोजन लिया हो, तो आपको गुड़ का सेवन अवश्य करना चाहिए क्योंकि इससे कब्ज होने की संभावना को काफी हद तक कम कर सकते है।
भोजन के ठीक बाद घी के साथ गुड़ का सेवन आपके मल त्याग के लिए चमत्कार करेगा। गुड़ और घी की वसा तथा गुड़ में मौजूद लौह सामग्री एक प्राकृतिक रेचक के रूप में कार्य करती है, जो कब्ज की परेशानी को कम करती है।
जोड़ों के दर्द को कम करता है गुड़।(Jaggery Reduces Joint Pain.)
गठिया या जोड़ों में किसी भी तरह के दर्द से पीड़ित लोगों के लिए गुड़ के सेवन से दर्द में काफी राहत मिल सकती है। गुड़ कैल्शियम और फास्फोरस का अच्छा स्रोत है। जब यह 2 पोषक तत्व एक साथ मिल जाते हैं, तो किसी भी जोड़ या हड्डी की समस्या को खत्म करने के लिए एक साथ काम करते हैं। जब अदरक के साथ गुड़ खाया जाता है, तो प्रभावशीलता में सुधार होता है।
मूत्र मार्ग अवरुद्ध होने में गुड़ का उपयोग। (Use of Jaggery in Urinary Tract Blockage.)
गन्ना एक नेचुरल मूत्रवर्धक (Natural Diuretic) है इसलिए गुड़ में भी यह गुण होता है। मूत्राशय की सूजन ( Bladder Inflammation) को कम करना, मूत्र को उत्तेजित करना और मूत्र के प्रवाह में सुधार करना कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनसे इस पौष्टिक खाद्य पदार्थ के नियमित सेवन से आसानी से मदद मिल सकती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में लाभकारी सिद्ध हो सकता है गुड़।(Jaggery can Prove Beneficial in Increasing Immunity.)
अगर आपको काफी कमजोर है तो आप जल्दी-जल्दी कई बीमारियों से के शिकार हो सकते हैं। लेकिन, क्या आप लोग जानते हैं कि दही-गुड़ के सेवन से आपकी इम्यूनिटी मजबूत होती है, जिससे आप सर्दी-जुकाम और अन्य बीमारियों से बच सकते हैं। गुड़ में एंटीऑक्सीडेंट और खनिज जैसे सेलेनियम और जिंक पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं। यह विभिन्न प्रकार के संक्रमणों के विरुद्ध प्रतिरोध निर्माण के साथ-साथ मुक्त कणों से होने वाले नुकसान को रोकने में मदद करता है। इसलिए इसे सर्दियों में अक्सर खाया जाता है।
एनीमिया से राहत दिलाए गुड़ का सेवन।(Consumption of Jaggery Provides Relief From Anemia.)
एनीमिया यानी शरीर में आयरन की कमी। एनीमिया की समस्या होने पर व्यक्ति के शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं कम होने लगती हैं। जिसकी वजह से उसे थकान और कमजोरी महसूस होने लगती है। ऐसे में गुड़ का सेवन एनीमिया की समस्या को दूर रखता है। गुड़ में मौजूद आयरन शरीर में एनीमिया की कमी पूरी कर सकता है।शरीर में आयरन की कमी होने पर गुड़ आपकी काफी मदद कर सकता है। गुड़ आयरन का एक अच्छा और सुलभ स्रोत है। जिसकी वजह से एनीमिया के रोगियों के लिए भी गुड़ बेहद फायदेमंद होता है।
हड्डियां मजबूत बनाए गुड़।(Jaggery Strengthens Bones.)
गुड़ खाने से शरीर की हड्डियां मजबूत हो जाती हैं। कैल्शियम, फास्फोरस जैसे पोषक तत्वों की मौजूदगी की वजह से गुड़ हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद करता है गुड़।(Jaggery Helps in Controlling Blood Pressure.)
अगर आप ब्लड प्रेशर की बीमारी से जूझ रहे हैं, तो आपको गुड़ खाना शुरू कर देना चाहिए। गुड़ खाने से आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। गुड़ के सेवन से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है। गुड़ में मौजूद आयरन ब्लड प्रेशर रेगुलेशन में मदद करता है। इसके अलावा गुड़ में पोटेशियम और सोडियम भी पाए जाते हैं जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में फायदेमंद माने जाते हैं।
अनिद्रा की समस्या से निजात दिलाएगा गुड़।(Jaggery Will Provide Relief From the Problem of Insomnia.)
रात को सोने से पहले गुड़ का सेवन दूध के साथ करने से नींद बेहतर होने के साथ अनिद्रा की समस्या दूर होती है। जिससे व्यक्ति अगले दिन सुबह उठकर खुद को फ्रेश और एनर्जी से भरपूर महसूस कर सकता है।
स्मरण शक्ति बढ़ाने में सहायक होता है गुड़।(Jaggery is Helpful in Increasing Memory Power.)
स्मरण शक्ति बढ़ाने में भी गुड़ बहुत फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से याददाश्त बढ़ती है और दिमाग कमजोर नहीं होता ।
दही के साथ गुड़ खाने के फायदे।(Jaggery With Curd Benefits)
अक्सर आपने लोगों को देखा होगा दही के साथ गुड़ का सेवन करते हुए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दही के साथ गुड़ मिलाकर सेवन करना स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद होता है। क्योंकि, दही और गुड़ में कई सारे पोषक तत्वों के गुणों से भरपूर होते है, जिसकी वजह से इन दोनों के सेवन से शरीर में खून की कमी को दूर करने में मदद मिलती है। गुड़ में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाने का काम करता है, तो वहीं, दही में कैल्शियम, फास्फोरस और अन्य विटामिन अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।
गुड़ खाने से मिलने वाले अन्य लाभ।(Other Benefits of Eating Jaggery.)
- वैसे तो गुड़ को गर्म तासीर का माना जाता है, लेकिन इसके पानी के साथ घोलकर पीने से और दही में मिलाकर खाने से यह शरीर में ठंडक प्रदान करता है, और शरीर की गर्मी को नियंत्रित करता है।
- प्रतिदिन दोपहर व रात के खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ मुंह में रखकर चूसने से पाचन भी बेहतर होता है, और गैस भी नहीं बनती।
- अगर आपको कम भूख लगती है, तो आपकी इस समस्या का इलाज गुड़ के पास है। गुड़ खाने से आपकी भूख खुलेगी, और पाचन क्रिया दुरुस्त होगी।
- गुड़ शरीर में रक्त की सफाई कर मेटाबॉलिज्म रेट को भी नियंत्रित करता है। इसके अलावा गुड़ गले और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज में फायदेमंद होता है।
- अगर आप बहुत अधिक थकान या कमजोरी महसूस कर रहे हैं, तब भी गुड़ आपकी मदद कर सकता है। क्योंकि यह आपके शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ा देता है, और आपको थकान महसूस नहीं होती ।
- शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में गुड़ सहायक होता है। इसमें एंटी एलर्जिक तत्व होते हैं, इसलिए अस्थमा होने पर भी मरीजों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।
- खट्टी डकारें आने या पेट की अन्य में में समस्या में गुड़ में काला नमक मिलाकर चाटने से लाभ होता है। इसके अलावा यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में काफी सहायक होता है।
- गला बैठ जाने और आवाज जकड़ जाने की स्थिति में पके हुए चावल में गुड़ मिलाकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक होता है एवं आवाज भी खुल जाती है।
- गुड़ एक अच्छा मूड बूस्टर है, यह आपके मूड को खुशनुमा बनाने में मदद करता है। इसके अलावा माइग्रेन की समस्या में भी गुड़ फायदा पहुंचाता है। प्रतिदिन गुड़ का सेवन करने से लाभ होता है।
- सर्दी के दिनों में या सर्दी होने पर गुड़ का प्रयोग आपके लिए अमृत के समान होगा। इसकी तासीर गर्म होने के कारण यह सर्दी, जुकाम और खास तौर से कफ से आपको राहत देने में मदद करेगा। इसके लिए दूध या चाय में गुड़ का प्रयोग किया जा सकता है, और आप इसका काढ़ा भी बनाकर ले सकते हैं।
- गुड़ को अदरक के साथ गर्म कर, इसे गुनगुना खाने से गले की खराश और जलन में राहत मिलती है। इससे आवाज भी काफी बेहतर हो जाती है।
- जोड़ों में दर्द की समस्या होने पर गुड़ का अदरक के साथ प्रयोग काफी लाभदायक सिद्ध होता ता है। प्रतिदिन गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक खाने से जोड़ों के दर्द में आराम मिल सकता है।
सेहत के लिए इतना फायदेमंद होने के बावजूद क्या आप जानते हैं जरूरत से ज्यादा गुड़ का सेवन आपकी सेहत को फायदा नहीं नुकसान पहुंचा सकता है।
आइए जानते हैं अधिक मात्रा में गुड़ खाने से होने वाले कुछ ज्ञात नुकसान के बारे में।(Let us Know About Some of The Known Disadvantages of Excessive Eating of Jaggery.)
अधिक मात्रा में गुड़ का सेवन बढ़ता है ब्लड शुगर।(Consuming Jaggery in Large Quantities Increases Blood Sugar.)
यदि आप ब्लड शुगर के रोगी हैं तो गुड़ का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नहीं माना जा सकता है, क्योंकि इसे हम एक प्राकृतिक स्वीटनर के रूप में जानते हैं, लेकिन इसमें कई सारे पोषक तत्व होने के बावजूद भी जरूरत से ज्यादा मात्रा में इसका सेवन आपके लिए हानिकारक होगा। माना जाता है कि सौ ग्राम गुड़ में करीब 10-15 ग्राम फ्रुक्टोज पाया जाता है, जो कि डायबिटीज रोगियों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
ज्यादा गुड़ खाने से नाक से खून भी बह सकता है। (Taking Too Much Jaggery Can Also Cause Nose Bleeding.)
गर्मी के मौसम में गुड़ खाने से नाक से खून आने की समस्या हो सकती है। इस गर्म और उमस भरे मौसम में इसका सेवन करने से बचना सबसे अच्छा है। अगर आप गर्मी में गुड़ का सेवन करते भी हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप इसे बहुत ज्यादा मात्रा में न खाएं।
सूजन की परेशानी से पीड़ित व्यक्ति को गुड़ खाने से बचना चाहिए। (A Person Suffering From Swelling Problems Should Avoid Eating Jaggery.)
अध्ययनों के अनुसार, सुक्रोज सामग्री एंटी इंफ्लामेटरी, ओमेगा -3 फैटी एसिड के काम में इंटरफेयर करती है। शक्कर की मात्रा सूजन का कारण बन सकती है और चेहरे में फ्लूइड रिटेंशन हो सकता है। इसलिए, अगर आपके पास रुमेटीइड गठिया और सूजन की परेशानी है, तो आपको इसे खाने से बचना चाहिए या इसका ध्यान रखना चाहिए।
एलर्जी है तो न करे गुड़ का सेवन। (If You Are Allergic Then Do not Consume Jaggery.)
अगर आपको गुड़ से एलर्जी है तो आपको नाक बहना या बंद हो जाना, रैशेज, सिरदर्द, थकान, बुखार, जी मिचलाना और उल्टी जैसे साइड इफेक्ट नजर आ सकते हैं। अगर आपको गुड़ खाने के बाद इन चीजों का एहसास होता है तो आपको इससे एलर्जी हो सकती है और ऐसे में आपको इसे खाने से बचना चाहिए।
अस्वच्छ तरीके से तैयार किया गया गुड़ पैरासाइट इंफेक्शन कर सकता है। (Jaggery Prepared in an Unhygienic Manner can Cause Parasite Infection.)
पैरासाइट इंफेक्शन का बढ़ सकता है खतरा अगर गुड़ ठीक से तैयार नहीं किया गया हो तो इसको खाने से आंतों में कीड़े या पैरासाइट्स होने की संभावना बढ़ जाती है। अधिकांश गुड़ अपेक्षाकृत अस्वच्छ तरीके से तैयार किया जाता है और रोगाणुओं की संभावना ज्यादा होती है।
कब्ज की समस्या को बढ़ावा दे सकता है अधिक मात्रा में गुड़ का सेवन। (Consuming Excessive Amounts of Jaggery can Promote the Problem of Constipation.)
सीमित मात्रा में गुड़ का सेवन करने से व्यक्ति की इम्यूनिटी और मेटाबॉलिज्म मजबूत बना रहता है। लेकिन इसी गुड़ को अगर अधिक मात्रा में खाया जाए तो इससे पाचन क्रिया असंतुलित हो सकती है। गुड़ की तासीर गर्म होती हैं। इसका अधिक सेवन करने से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है, जिसकी वजह से पाचन तंत्र पर असर पड़ने लगता है।
वजन बढ़ाने का कारण भी बन सकता है अधिक मात्रा में गुड़ का सेवन करना। (Consuming Jaggery in Excess Quantity can Also Cause Weight Gain.)
बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि गुड़ का अधिक सेवन आपके वजन को भी बढ़ा सकता है। गुड़ प्रोटीन, वसा के साथ साथ फ्रुक्टोज से भरपूर होता है। 100 ग्राम गुड़ में लगभग 383 कैलोरी होती है। जो आपके वजन को बढ़ा सकती हैं।
उम्मीद है की आपको हमारा यह लेख, गुड़ खाने के फायदे और नुकसान (Jaggery Benefits and Side Effects in Hindi) पसन्द आया होगा। यदि आपको यह लेख पसंद आया तो आप इस लेख को दूसरों के साथ शेयर करें तथा इस गुणकारी खाद्य पदार्थ से जुड़ी जानकारियों को दूसरों के साथ भी साझा करना न भूलें।
नोट :-यह जानकारी ज्ञात घरेलु व आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गयी है। इसके सफल या सत्य होने की यह लेख पुष्टि नहीं करता है। भिन्न-भिन्न व्यक्तियों में इसके इस्तेमाल से होने वाले प्रभाव एवं दुष्प्रभाव अलग हो सकते हैं। कृपया इसे चिकित्सक परामर्श न समझें।