खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है जखिया | Health Benefits of Jakhiya (Cleoma Viskosa)

Lekhadda
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खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है जखिया-Health Benefits of Jakhiya (Cleoma Viskosa)




                            Health Benefits of Jakhiya (Cleoma Viskosa) जखिया या जख्या नाम से जाना जाने वाला यह पहाड़ी मसाला अपनी महक और जायके के लिए जाना जाता है। जखिया का उपयोग उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में तड़के के रूप में खूब किया जाता है। जखिया उत्तराखंड का सर्वाधिक लोकप्रिय मसाला है। अगर आप पहाड़ी इलाके में घूमने गए हैं, तो यकीनन आपने वहां के खाने में इस्तेमाल होने वाले जख्या के बीज जरूर खाए होंगे। इस बीज की एक अलग ही खासियत है जब भी हम इसे खाते हैं तो यह हमारे दांतों के बीच जरूर फंसती है। जख्या के दानों का इस्तेमाल कई तरह की डिशेज में तड़का लगाने के लिए किया जाता है।



Health Benefits of Jakhiya (Cleoma Viskosa)



                         हर एक पहाड़ी घरों की रसोई में यह आपको बहुत ही आसानी से मिल जाएगा। किसी भी पहाड़ी रसोई में इसका सेवन उतना ही महत्वपूर्ण है जितना की मैदानी इलाकों में जीरे का उपयोग करना। यह एक प्राकृतिक रूप से उगने वाला जंगली पौधा है, जिसमें पीले फूलों और रोएंदार तने होते हैं। इसकी फली काफी लंबी होती है, जिसमें जख्या के दाने होते हैं। इन फलियों में से नन्हे नन्हे बीज निकलकर सुखा लिए जाते है। अब यह दाने मसाले के रूप में आपकी रसोई को लम्बे समय तक महकाने के लिए तैयार हो गए है। काली-भूरी रंगत वाले जख्या के दाने सरसों और राई के हमशक्ल होते हैं।

             बरसात के मौसम में बंजर जमीन पर भी जख्या उग आता है। यह न सिर्फ एक खरपतवार है, बल्कि इसे कई लोग फसल के रूप में भी उगाते हैं। इसके सेवन से आप खुद को कई तरह की बीमारियों से दूर रख सकते हैं।



               जखिया का इस्तेमाल आलू, पिनालू, गडेरी, कद्दू, लौकी, तुरई, हरा साग, आलू-मूली के थेचुए और झोई (कढ़ी) आदि व्यंजनों में तड़का लगाने के लिए किया जाता है। जखिया के बीज का तड़का लगाने के अलावा पहाड़ी इलाकों में इसके पत्तों का साग भी खाया जाता है।


                     जखिया कैपरेशे (Cappridceac) परिवार की 200 से अधिक किस्मों में से एक है। पहाड़ में जख्या, जखिया के नाम से जाना जाने वाला यह पौधा अंग्रेजी में एशियन स्पाइडर फ्लावर, वाइल्ड डॉग या डॉग मस्टर्ड के नाम से भी जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम क्लोमा विस्कोसा (Cleoma Viskosa) है।


                  जखिया में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व खान-पान में इसके महत्त्व को और अधिक बड़ा देते हैं। इसके बीज में पाए जाने वाला 18 फीसदी तेल फैटी एसिड तथा अमीनो एसिड से भरपूर होता है। इसके बीजों में फाइबर, स्टार्च, कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, विटामिन ई व सी, कैल्शियम, मैगनीशियम, पोटेशियम, सोडियम, आयरन, मैगनीज और जिंक आदि पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं।


                    पहाड़ की परंपरागत चिकित्सा पद्धति में भी जखिया का खूब इस्तेमाल किया जाता है। एंटीसेप्टिक, रक्तशोधक, स्वेदकारी, ज्वरनाशक इत्यादि गुणों से युक्त होने के कारण बुखार, खांसी, हैजा, एसिडिटी, गठिया, अल्सर आदि रोगों में जखिया को बहुत कारगर माना जाता है।

                   पहाड़ों में किसी को चोट लग जाने पर घाव में इसकी पत्तियों को पीसकर लगाया जाता है जिससे घाव जल्दी भर जाता है। आज भी पहाड़ में मानसिक रोगियों को इसका अर्क पिलाया जाता है।



जख्या के बीज का कुकिंग में इस्तेमाल करें और अपने खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए लगाएं जखिया का तड़का। (Use Jakhiya Seeds in Cooking and Add Jakhiya Tadka to Enhance The Taste of Your food)


             स्वाद से भरपूर जख्या सेहत के लिए भी बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। पर लोगों को इसका सही तरीके से इस्तेमाल करना नहीं आता। ऐसे में यदि आपका जखिया का सही इस्तेमाल करना सीख लेते हैं, तो आप भी इसके स्वाद के दीवाने हो जायेंगे।


आईए जानते हैं कि जखिया का इस्तेमाल अपने खाने में कैसे करें। (Let Us Know How To Use Jakhiya in Your Food)






अपने रायते में लगाएं जख्या का तड़का। (Add Jakhya Tadka to Your Raita)


                          रायता एक ऐसी चीज है जिसे लगभग हर भारतीय खाने के साथ जरूर सर्व किया जाता है। रायता या चटनी के बिना भारतीय थाली अधूरी मानी जाती है। इसी वजह से हमारी थाली में बूंदी का रायता, खीरे का रायता, आलू का रायता, मिक्स फ्रूट का रायता, दही का प्लेन रायता या फिर प्याज पोदीने का रायता होता ही है। हालांकि, रायता बनाना बहुत ही आसान है, पर जब आप जख्या के बीज का इस्तेमाल रायते में करते हैं। तो रायते में जख्या के बीज का इस्तेमाल न सिर्फ इसके स्वाद बढ़ाने का काम करेंगे बल्कि आपके इस व्यंजन को हल्दी भी बनाएंगे। इसलिए रायता मे जखिया के तड़के का इस्तेमाल करें।


अचार में भी लगाएं जख्या का तड़का। (Add Jakhya Tadka To Pickle Also)


                 अचार का इस्तेमाल लगभग सभी भारतीयों द्वारा किया ही जाता है। अचार का नाम सुनते ही मुंह में पानी आने लगता है। खाना चाहे कितना भी बेस्वाद बना हो लेकिन यदि साथ में यदि 1 चम्मच अचार हो, तो खाने का स्वाद बढ़ जाता है। और पहाड़ी अचार की तो बात ही अलग है, जिसे बनाने के लिए जख्या के बीज का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप भी अचार में पहाड़ी तड़का लगाना चाहते हैं तो आप जखिया का इस्तेमाल अपने अचार में कर सकते हैं, तो इस बार जब कभी भी अचार बनाएं तो जख्या के बीज का इस्तेमाल करें। आप पाएंगे कि इस बार का अचार कुछ अलग ही आनंद दे रहा है।



दाल को तड़का लगाते समय डालें जखिया के बीज। (Add Jakhiya Seeds While Tempering The Lentils)


                         आप जख्या के बीजों को दाल में भी डाल सकते हैं, लेकिन ज्यादा बेहतर होगा कि आप जीरा के साथ जख्या के बीज का तड़का लगाएं। इसके लिए एक पैन में तेल गर्म करें और फिर 1 कटा हुआ प्याज डालकर भून लें। प्याज भून जाने के बाद जीरा, करी पत्ता, साबुत लाल मिर्च और जख्या के बीज को डालकर पकने के लिए छोड़ दें। आपका तड़के का काम हो गया है। बस इस बात का ध्यान रखें कि जख्या के बीज ज्यादा ना डालें वरना खाना कड़वा भी हो सकता है।


जख्या के बीजों के इस्तेमाल से बनाएं अपने पुलाव को और भी स्वादिष्ट। (Make Your Pulao Even More Delicious By Using Jakhaya Seeds)




जख्या के बीजों के इस्तेमाल से बनाएं अपने पुलाव को और भी स्वादिष्ट। (Make Your Pulao Even More Delicious By Using Jakhaya Seeds)



                   जख्या के बीज पुलाव को स्वादिष्ट बनाने का काम करते हैं। न सिर्फ पुलाव बल्कि चावलों के हर व्यंजनों में तड़का लगाते वक्त जख्या के बीज डालें। वहीं, अगर आप चाहते हैं कि पुलाव से पहाड़ी खाने की खुशबू आए, तो जखिया की पत्तियों को सुखाकर इनका इस्तेमाल तड़का लगाने में करें। इस बात का ध्यान रखें कि जब भी जख्या का इस्तेमाल किया जा रहा हो, तब जीरा या राई का इस्तेमाल कम करें या कोशिश करें कि बिल्कुल न करें। चावल मे जख्या के साथ अधिक मात्रा में जीरा और राई का इस्तेमाल करने से पुलाव का स्वाद बिल्कुल खराब भी हो सकता है।


जखिया के सेवन से होने वाले स्वास्थ लाभ। (Health Benefits of Consuming Jakhiya)


चोट को जल्दी भरने में मददगार है जखिया की पत्तियां। (Jakhiya Leaves are Helpful in Quick Healing Of Injuries)


               जख्या की पत्तियों का इस्तेमाल चोट को भरने के लिए किया जाता है। अगर आपको कहीं चोट लग जाए, तो ऐसे में इसकी पत्तियों को कुचलकर इसका रस निकाल लें। अब इस रस को चोट वाले स्थान पर लगाएं। इससे आपका घाव बहुत ही जल्दी भर जाएगा।


वायरल बीमारियों से बचाव करने में मदद करता है जख्या। (Jakhya Helps In Preventing Viral Diseases)


                   जख्या एंटी-वायरस और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। ऐसे में इन दिनों फैल रही वायरल समस्याओं से निजात दिलाने में जख्या आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। जख्या का इस्तेमाल आप कई रूपों में कर सकते हैं।


जोड़ों में दर्द को दूर करे जखिया का सेवन। (Consuming Jakhiya Can Relieve Joint Pain)




जोड़ों में दर्द को दूर करे जखिया का सेवन। (Consuming Jakhiya Can Relieve Joint Pain)


                   जख्या के पौधे का सभी हिस्सा पुरानी से पुरानी जोड़ों की समस्याओं को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है। खाने में जख्या के बीजों का इस्तेमाल करने के साथ-साथ इसकी पत्तियों के रस को दर्द से प्रभावित स्थान पर लगाने से काफी लाभ मिलता है।


पेट की समस्याओं को दूर करने में सक्षम है जखिया। (Jakhiya Is Capable Of Removing Stomach Problems)


               पेट से जुड़ी समस्या जैसे कि पेट फूलना, पेट में दर्द, गैस, डायरिया जैसी बीमारियों का बचाव करने में जख्या काफी फायदेमंद हो सकता है। इसमें फाइबर की अधिकता होती है, जो आपके पाचनतंत्र को दुरुस्त करता है। साथ ही यह कई एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर है। जख्या से तैयार काढ़ा आपके पाचनतंत्र को मजबूत कर सकता है।



जखिया के इस्तेमाल से अपने लिवर की समस्याओं को दूर करें। (Get Rid Of Your Liver Problems By Using Jakhiya)


                  जख्या का इस्तेमाल से लिवर में होने वाली सूजन और अन्य लीवर सम्बंधित बीमारियों से बचाव में कर सकते हैं। इसके बीजों को कुचलकर पानी में मिलाकर पीने से लिवर की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। साथ ही इसकी पत्तियों से काढ़ा बनाकर भी पिया जा सकता है। इस पौधे का हर एक हिस्सा हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।


जखिया के इस्तेमाल से होने वाले अन्य फायदे। (Other Benefits Of Using Jakhiya)




जखिया के इस्तेमाल से होने वाले अन्य फायदे। (Other Benefits Of Using Jakhiya)


  • पहाड़ी जख्या के उपयोग से घावों व अल्सर को काफी जल्दी ठीक किया जा सकता है।
  • जखिया मलेरिया के बुखार, लेप्रोसी, खून की बीमारी और कान के दर्द को ठीक करने में मदद करता है।
  • जख्या के तेल से शिशुओं में होने वाले मेंटल डिसऑर्डर का इलाज करने में मदद ली जा सकती है।
  • पहाड़ी जख्या खाने का फायदा यह है कि इससे पेट फूलना, पेट दर्द, गैस जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से भी राहत मिलती है।
  • जख्या के बीज को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से लिवर को भी फायदा होता है।
  • जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए जख्या के बीजों का सेवन किया जा सकता है। 
  • पहाड़ी जखिया के पत्तों को पीसकर जोड़ों पर लगाने से भी दर्द में फायदा मिलता है।

  • आप किस तरह कर सकते हैं जख्या का इस्तेमाल? (How Can You Use Jakhya)
  • जख्या के पौधों की पत्तियों का काढ़ा बनाकर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
  •  जखिया की पत्तियों को सूखाकर तड़का लगाने में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • जख्या के बीजों का इस्तेमाल तड़का लगाने में किया जाता है।
  • जखिया के बीजों से तैयार तेल का इस्तेमाल जोड़ों में दर्द में किया जा सकता है।
  • जख्या की पत्तियों का रस निकालकर आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।




Disclaimer- जखिया या जख्या और उसके पत्तियों के प्रयोग की दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है। इसके किसी भी तरह के चिकित्सकीय प्रयोग से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। Lekhadda इसकी पुष्टि नहीं करता। इस लेख को दूसरों के साथ शेयर करके इस गुणकारी खाद्य पदार्थ से जुड़ी जानकारियों को दूसरों के साथ भी साझा करना न भूलें।

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