बथुआ (Lambs Quarters) के फायदे और नुकसान | Bathua Benefits and Side Effect In Hindi

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 बथुआ (Lambs Quarters) के फायदे और नुकसान | Bathua Benefits In Hindi 


                              बथुआ को सर्दियों का सुपरफूड माना जाता है। शुरुवात में बथुआ गेंहू के खेतों में गेंहू के साथ उग आता था। लेकिन अब इसके फायदों को देखते हुए बकायदा इसकी खेती की जाती है। बथुआ एक ऐसी सब्जी है जिसके गुणों से ज्यादातर लोग अपरिचित हैं। ये हरा-भरा पौधा हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है, सर्दियों में इसके सेवन करने से हम खुद को कई बीमारियों से दूर रख सकते हैं। इसका सेवन करने से बहुत सारे लाभ मिलते हैं।


बथुआ (Lambs Quarters) के फायदे और नुकसान | Bathua Benefits In Hindi
Bathua Benefits and Side Effect In Hindi 


सबसे पहले जानतें हैं कि बथुआ होता क्या है।


                        बथुआ (Lambs Quarters) के फायदे और नुकसान | Bathua Benefits and Side Effect In Hindi: बथुआ एक तरह की वनस्पति है जो भारत में रवि फसलों के साथ उगता है। इसका शाग बनाकर खाने के काम आता है। औषधीय गुणों से भरपूर बथुआ एक ऐसी सब्जी है जिसके गुणों से ज्यादातर लोग आज भी अपरिचित हैं। ये हराभरा पौधा काफी फायदेमंद होता है, बथुए में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है, बथुआ न सिर्फ पाचनशक्ति बढ़ाता है बल्कि अन्य कई बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है। गुजरात में इसे चील भी कहते है। बथुआ एक ऐसी सब्जी या साग है, जो गुणों की खान होने पर भी बिना किसी विशेष परिश्रम और देखभाल के खेतों में स्वत: ही उग जाता है। एक डेढ़ फुट का यह हराभरा पौधा कितने ही गुणों से भरपूर है। बथुआ के परांठे और रायता खाना लोग काफी पसंद करते हैं, लेकिन अभी भी बहुत से लोग इसके औषधीय गुणों से ज्यादा परिचित नहीं है, आयुर्वेदिक विद्वानों ने बथुआ को भूख बढ़ाने वाला पित्तशामक मलमूत्र को साफ और शुद्ध करने वाला माना है। यह आंखों के लिए भी उपयोगी होता है तथा बेथूआ पेट के कीड़ों का नाश करने वाला होता है। बथुआ पाचनशक्ति बढ़ाने वाला, भोजन में रुचि बढ़ाने वाला पेट की कब्ज को मिटाने वाला और स्वर (गले) को मधुर बनाने वाला माना जाता है। इसके सेवन से वात, पित्त, कफ के प्रकोप का नाश होता है और बल-बुद्धि बढ़ती है। बथुआ लीवर के विकारों को मिटा कर पाचन शक्ति बढ़ाकर रक्त बढ़ाता है। बेथुए के बीजों को सिल पर पीस कर उबटन की तरह लगाने से शरीर का मैल साफ होता है, और साथ ही चेहरे के दाग धब्बे भी दूर होते हैं। 


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बथुआ में पाए जाने वाले पोषक तत्व।


                     बथुआ में पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन व एमीनो एसिड के गुण पाए जाते हैं। साथ ही बथुआ विटामिन ए, सी के गुणों से भी भरपूर होता है। इसके रस में विटामिन बी 2, बी 3, बी5, विटामिन-सी, कैल्शियम पाए जाते हैं।


बथुआ खाने से होने वाले फायदे।


                               आयुर्वेद के अनुसार, बथुआ एक बहुत ही फायदेमंद औषधि भी है। आप बथुआ के इस्तेमाल से कई तरह के रोगों से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं कि बथुआ के प्रयोग से किन-किन रोग में लाभ पा सकते हैं।


आइए जानते हैं बेथुआ साग को खाने से होने वाले फायदों के बारे में:–


  • ज्वॉइंट पेन दूर करने में मदद करे बथुआ।


                  जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए बथुआ का साग काफी मददगार साबित हो सकता है। इसमें मौजूद कैल्शियम के गुण हड्डियों की समस्याओं को घटाते हैं।


  • एनीमिया रोग में बथुआ खाने के लाभ।


                     आयरन के गुणों से भरपूर बथुआ शरीर में होने वाली खून की कमी को दूर करता है। इससे हीमोग्लोबिन को बढ़ावा मिलता है। यह एनीमिया के जोखिम घटाता है।बथुए में लोहा, पारा, सोना और क्षार पाया जाता है। बथुए का साग जितना अधिक से अधिक सेवन किया जाता है उतना ही यह खुद को निरोगी रखने के लिए काफी उपयोगी होता है। बथुए का सेवन कम से कम मसाले डालकर करना चाहिए।


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  • ग्लोइंग स्किन और कील-मुहांसों को दूर करने के लिए खाएं बथुआ।


                               विटामिन सी के गुणों से भरपूर बथुआ का सेवन करने से त्वचा से जुड़े रोगों का सामना नहीं करना पड़ता। इससे दाद व खुजली से राहत मिलती है और एक्ने की समस्या दूर होती है। बथुआ खाने से ग्लोइंग स्किन पाने में मदद मिलती है। अगर आप अपने चेहरे पर कील-मुहांसों से परेशान हैं, तो बथुआ का साग खाना शुरू कर दें। क्योंकि बथुए में विटामिन बी 2, बी 3, बी5, विटामिन-सी पाए जाते हैं। जो कील-मुंहासे, दाद, खुजली जैसी समस्याएं से छुटकारा दिलाते हैं।


  • इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत बनाता है बथुआ।


                       शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए बथुआ को डाइट का हिस्सा बनाएं। इसमें विटामिन सी होता है, जो शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए मजबूत बनाते हैं। शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ को दूर करने के लिए बथुआ का सेवन जरूर करें। बथुए का सेवन खून साफ करने में मदद करता है।


  • कब्ज से निजात दिलाए बथुआ।


                             बथुआ (Lambs Quarters) के फायदे और नुकसान | Bathua Benefits and Side Effect In Hindi : बथुआ का साग खाने से आपको पेट से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद लैक्सेटिव गुण कब्ज व अपच से राहत दिलाते हैं। बथुआ आमाशय को ताकत देता है, कब्ज दूर करता है, बथुए की सब्जी दस्तावर होती है, कब्ज वालों को बथुए की सब्जी रोज खानी चाहिए। कुछ हफ़्ते तक लगातार बथुए की सब्जी खाने से पुराने से पुराना कब्ज भी दूर हो जाता है।


कब्ज से निजात दिलाए बथुआ।
Bathua Benefits and Side Effect In Hindi 


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  • पाचन संबंधी समस्याओं से निजात दिलाए बथुआ।


                          सर्दियों में बथुआ का साग खाने से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे पेट में दर्द और कब्ज से राहत मिलती है। क्योंकि इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और सोडियम पाया जाता है। जो पाचन के लिए फायदेमंद होता है। ऐसे में जो लोग इन समस्याओं से परेशान हैं उन्हें रोजाना बथुआ का साग खाना चाहिए। जब तक साग मिलता रहे, रोज इसकी सब्जी खाएं। इससे पेट के हर प्रकार के रोग यकृत, तिल्ली, अजीर्ण, गैस, कृमि, दर्द, अर्श पथरी ठीक हो जाते हैं।


  • यूरिन संबंधी समस्याओं से राहत दिला सकता है बथुआ।


                          देखा गया है कि सर्दियों के मौसम में लोग पानी पीना कम कर देते हैं। जिसके कारण यूरिन संबंधी समस्याएं होने लगती हैं, जैसे जलन और दर्द का होना। ऐसे में लोगों को बथुए का साग जरूर खाना चाहिए।क्योंकि इसमें मैग्नीशियम, मैगनीज, फॉस्फोरस, लोहा, पोटैशियम, जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिसके इस्तेमाल से यूरिन इन्फेक्शन की समस्या दूर हो जाती है। पेशाब के रोगों में बथुए का साग लाभदायक होता है। पेशाब रुक-रुककर आता हो, कतरा-कतरा सा आता हो तो इसका रस पीने से पेशाब खुल कर आने लगता है।


  • पीरियड्स प्रॉब्लम में राहत दे बथुआ।


                                 पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं से अगर आप परेशान हैं तो आज से ही बथुआ का साग खाना शुरू कर दें। क्योंकि इसमें विटामिन डी पाया जाता है जो पीरियड्स प्रॉब्लम से निजात दिलाता है। अगर मासिक धर्म रुका हुआ हो तो दो चम्मच बथुए के बीज को एक गिलास पानी में उबालें। पानी आधा रहने पर छानकर पी जाएं। मासिक धर्म खुलकर आएगा। ऐसे में रोजाना बथुआ का जरूर खाएं।


  • पथरी की समस्या से निजात दिलाए बथुआ।


                         अगर पथरी हो तो 1 गिलास कच्चे बेथुए के रस में शकर मिलाकर रोज सेवन करें इसका सेवन करने से कुछ ही दिनों में पथरी टूटकर बाहर निकल आएगी।


  • जुएं तथा लिंखों की समस्या से निजात दिलाए बथुआ।


                             ऐसा कहा जाता है कि यदि जुएं, लीखें हों तो बथुए को उबालकर इसके पानी से सिर धोएं तो जुएं मर जाएंगी तथा बाल साफ हो जाएंगे।


  • फोड़े तथा फुंसियों में छुटकारा दिलाए बथुआ।


                           फुंसी,फोड़े की सूजन पर बथुए को कूटकर सौंठ और नमक मिलाकर गीले कपड़े में बांधकर कपड़े पर गीली मिट्टी लगाकर आग में सेकें। सिकने पर गर्म-गर्म उस फोड़े के ऊपर बांधें। फोड़ा बैठ जाएगा या पककर शीघ्र फूट जाएगा।


  • रक्तपित्त तथा कृमि में बथुए का प्रयोग।


                             कच्चे बथुए का रस 1 कप में स्वादानुसार सेंधा नमक मिलाकर एक बार रोज पीने से कृमि मर जाते हैं। बथुए के बीज को पीस कर एक चम्मच शहद में मिलाकर चाटने से भी कृमि मर जाते हैं, तथा रक्तपित्त भी ठीक हो जाता है।


  • दाद, खुजली और चर्म रोग में बथुआ का फायदा।


                                सफेद दाग, दाद, खुजली, फोड़े आदि चर्म रोगों में नित्य बथुआ उबालकर, निचोड़कर इसका रस पिएं तथा सब्जी खाएं। बथुए के उबले हुए पानी से चर्म को धोएं। बथुए के कच्चे पत्ते पीसकर निचोड़कर रस निकाल लें। दो कप रस में आधा कप तिल का तेल मिलाकर मंद-मंद आग पर गर्म करें। जब रस जलकर पानी ही रह जाए तो छानकर शीशी में भर लें तथा चर्म रोगों पर नित्य लगाएं। लंबे समय तक लगाते रहें, लाभ होगा।


  • अपच की समस्या को दूर करता है बथुआ। 


                         सर्दियों में बथुआ के साग के सेवन के कई सेहतमंद फायदे हैं, उस में से एक पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाना है। बथुआ में प्रोटीन और सोडियम पाया जाता है। सर्दी में बथुआ के साग में नमक मिलाकर खाने से पेट दर्द, कब्ज, उल्टी आदि समस्या से निजात मिलता है। बथुआ का साग खाने से पेट में होने वाले कीड़ों से भी छुटकारा मिलता है।


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बथुआ जूस पीने से होने वाले  फायदे:-


  • हार्ट के लिए फ़ायदेमंद। 
  • कब्ज और पाचन से जुड़ी परेशानियों में फ़ायदेमंद। 
  • खून को साफ़ करता है। 
  • पेट के कीड़े की समस्या में फ़ायदेमंद। 
  • हड्डियों को मज़बूत बनाता है। 
  • वज़न घटाने में कारगर। 
  • त्वचा को रोग मुक्त करता है। 
  • लिवर से जुड़ी परेशानियों को दूर करता है। 
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करता है।          
  • बथुआ के रस में नमक मिलाकर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। 
  • बथुआ पाचनशक्ति बढ़ाता है। 
  • बथुआ कब्ज से राहत दिलाता है। 
  • बथुआ लकवा और गैस की समस्या में फ़ायदेमंद है। 
  • बथुआ भूख में कमी आने, खाना देर से पचने, और खट्टी डकार आने जैसी समस्याओं में फ़ायदेमंद है। 
  • बथुए की पत्तियों को कच्चा चबाने से सांस की बदबू, पायरिया और दांतों से जुड़ी अन्य समस्याओं में फायदा होता है।
  • बथुआ गुर्दों में पथरी नहीं होने देता। 
  • बथुआ सर्दियों में कई बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है। 


ज्यादा मात्रा में बथुआ खाने से होने वाले नुकसान:-


ज्यादा मात्रा में बथुआ खाने से होने वाले नुकसान:-
Bathua Benefits and Side Effect In Hindi 


                      बथुआ का सेवन किसी भी रूप में करने से शरीर को कई सारे फायदे होते हैं। इसीलिए इसको रोजाना इस्तेमाल करना स्वाभाविक है परन्तु ज्यादा मात्रा में इसके सेवन से नुकसान भी हो सकता है।  


  • ज्यादा बथुआ खाने से डायरिया होने की सम्भावना होती है। 

                    बथुआ में ऑक्‍जेलिक एसिड पाया जाता है जिसका अधिक मात्रा में सेवन करने से डायरिया, पेट में दर्द, कब्ज जैसी शिकायत हो सकती है. ऐसे मे बथुआ का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए। 


  • ज्यादा बथुआ खाने से कैल्शियम की कमी हो सकती है। 

                 बथुआ के साग में ऑक्सीलिक एसिड की अधिक मात्रा होती है जो आपके शरीर में कैल्शियम की मात्रा को कम कर सकती है। इसलिए बथुआ का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।


  • ज्यादा बथुआ खाने से प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। 

                               बथुआ का साग अगर अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो ये प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। दरअसल बथुआ में प्रजनन विरोधी गुण होते हैं  जिसके अधिक सेवन से प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है। 


  • ज्यादा बथुआ खाने से स्किन एलर्जी भी हो सकती है। 

                             जिनकी स्किन संवेदनशील है उन्‍हें कई बार बथुए का अधिक मात्रा में सेवन करने से एलर्जी की समस्‍या हो सकती है। 


  • ज्यादा बथुआ खाने से गर्भपात का खतरा हो सकता है। 

                             प्रेगनेंट औरतों को अधिक मात्रा में बथुआ के सेवन से बचना चाहिए। इसके सेवन से गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप डॉक्‍टर की सलाह के बाद ही बथुआ खाएं। 


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FAQ (Frequently Asked Questions)


प्रश्न:- बथुआ की तासीर कैसी होती है?
उत्तर:- बथुआ की तासीर ठंडी होती है।

प्रश्न:- बथुआ खाने से क्या क्या फायदा होता है?
उत्तर:- बथुआ से सांस की बदबू, पायरिया और दांतों से जुड़ी अन्य समस्याओं में फायदा होता है। बथुआ कब्ज से राहत दिलाने में बेहद कारगर है। लकवा, गैस की समस्या में यह बथुआ काफी फायदेमंद होता है।

प्रश्न:- बथुआ में कौन सी विटामिन होती है?
उत्तर:- बथुआ में भरपूर मात्रा में विटामिन बी2, बी3, बी5, विटामिन-सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैगनीज, फॉस्फोरस, लोहा ,पोटैशियम, सोडियम पाए जाते हैं। 

प्रश्न:- बथुआ का अंग्रेजी नाम क्या है?
उत्तर:- बथुआ को अंग्रेजी में लैम्ब्स क्वाटर्स (Lambs Quarters) कहा जाता है, जबकि इसका वैज्ञानिक नाम केनोपोडियम एलबम (Chenopodium album) है। 


Disclaimer-  बथुआ (Lambs Quarters) के फायदे और नुकसान | Bathua Benefits and Side Effect In Hindi  के प्रयोग की दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है। इसके किसी भी तरह के चिकित्सकीय प्रयोग से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। Lekhadda इसकी पुष्टि नहीं करता। यदि आपको हमारा यह लेख पसन्द आया हो तो आप इस लेख को दूसरों के साथ शेयर करके इस गुणकारी खाद्य पदार्थ से जुड़ी जानकारियों को दूसरों के साथ भी साझा करना न भूलें।

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