चिरायता के फायदे और नुकसान | Swertia Chirata Benefits in Hindi
आपने चिरायता के बारे में तो सुना ही होगा। बूढ़े-बुजुर्ग लोग अक्सर कहा करते हैं कि खुजली हो तो चिरायते का सेवन करो, खून साफ करना चाहते हो तो चिरायते का उपयोग करो। क्या आप जानते हैं कि चिरायते की खूबियों के कारण लगभग सभी उम्र के लोग चिरायते का सेवन करते हैं। अगर अभी तक आपको चिरायते के बारे में जानकारी नहीं है और यदि आप चिरायते की खूबियों को जानना चाहते हैं तो यह लेख आप अवश्य पढ़ें।
Swertia Chirata Benefits in Hind |
आयुर्वेद के अनुसार, चिरायता बुखार, डायबिटीज, रक्त विकार और पेट से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या को ठीक करता है।
इसके अलावा यह शरीर में होने वाली खुजली, पाचनतंत्र के विकार, पेट के कीड़े की समस्या, नींद ना आने की परेशानी, कंठ रोग, सूजन, दर्द में काम आता है। इसके अलावा चिरायता घाव, प्रदर (ल्यूकोरिया), रक्तपित्त (नाक-कान आदि से खून बहने की समस्या), खुजली और बवासीर आदि रोगों में भी प्रयोग में लाया जाता है। इसके पौधे कैंसर में भी फायदेमंद होते हैं।
आइए जानते हैं चिरायता के फायदे और नुकसान | Swertia Chirata Benefits in Hindi
सबसे पहले जानतें हैं कि चिरायता होता क्या है?
चिरायता के फायदे और नुकसान | Swertia Chirata Benefits in Hindi : चिरायता एक पौधे का नाम है। चिरायते का पौधा आपको बाजार में आसानी से मिल जायेगा। चिरायता स्वाद में अत्यधिक तीखा होता है। कई लोग कालमेघ को ही चिरायता मानते हैं, लेकिन यह दोनों पौधें आपस में भिन्न–भिन्न होते हैं। असली चिरायता बहुत ही कड़वा होता है। चिरायते की कई प्रजातियां होती हैं, जिनका प्रयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है। इसके फूल अत्यधिक छोटे होते हैं। चिरायते के पौधे में फूल और फल आने का समय अगस्त से नवम्बर तक का होता है।
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चिरायता एक ऐसा हर्ब है, जो करेले और नीम से भी अधिक कड़वे स्वाद वाला होता है। वहीं इसके गुण सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद माने जाते हैं। आयुर्वेद में तो इसे एक बेहतरीन जड़ी-बूटी माना गया है। जो कई बीमारियों में रामबाण उपाय की तरह से उपयोग में लाया जाता है।
आइए जानें सेहत के लिए चिरायते से होने वाले फायदों के बारे में।
इम्युनिटी बढ़ाता है चिरायता।
किसी भी रोग को ठीक करने या उस रोग से बचने के लिए हमारे प्रतिरक्षा तंत्र का भलीभांति काम करना बहुत जरुरी है। चिरायता आपके शरीर के इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाता है। चिरायता हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। यह हमारे शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। इस तरह चिरायता हमारे शरीर को साफ और तरोताजा बनाए रखता है। इसके साथ ही ये एनीमिया से भी बचाता है।
लीवर के लिए भी फायदेमंद होता है चिरायता।
एंटी बैक्टीरियल चिरायता शरीर से राउंडवॉर्म और टैप वॉर्म को खत्म कर देता है। इसके साथ ही इसके सेवन से लीवर हेल्य भी अच्छी होती है। इससे बने चूर्ण, पेस्ट, काढ़े का सेवन करने से लिवर की सूजन ठीक होती है।
त्वचा के लिए गुणकारी है चिरायता।
चिरायते का उपयोग रक्तशोधक के रूप में किया जाता है। चिरायता स्वाद में बहुत ही कड़वा होता है। इसलिए ये भी करेला या नीम जो कि स्वाद में कड़वा होता है, की तरह ही एक रक्त शोधक के रूप में काम करता है। यदि आपकी स्किन पर किसी भी प्रकार की खुजली, फोड़े-फुंसी या घाव हैं, तो चिरायता आपकी त्वचा से इन सभी रोगों को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है। त्वचा पर चकते होने या सूजन में भी चिरायता का पेस्ट बनाकर लेप लगाने से आराम मिलता है। इसके अलावा चिरायता पिम्पल्स को भी ठीक करता है।
गठिया में भी लाभदायक है चिरायता।
गठिया एक ऐसी बिमारी है जिसमें अक्सर जोड़ों में दर्द और कभी-कभी सूजन भी हो जाती है। चिरायता में सूजन और दर्द को कम करने की क्षमता होती है जिसके कारण ये हमें गठिया रोग से भी बचाता है।
ब्लोटिंग में फायदेमंद होता है चिरायता।
चिरायता के कई उपयोगी गुणों में से एक ये भी है कि ये हमारे पेट में अम्ल उत्पादन को रोकता है। इसके अलावा ये आँतों की सुजन को ठीक करके पेट को मजबूती देता है। चिरायते की मदद से आप दस्त, गैस, ब्लोटिंग आदि कई पेट सम्बन्धित समस्याओं से निजात पा सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि चिरायता सेवन का लाभ हमें लीवर कैंसर में भी मिल सकता है।
वेट लॉस में सहायक होता है चिरायता।
वजन कम करना आज एक प्रमुख समस्या बन गया है। जिसको देखो वो अपना वजन कम करने के लिए बाजार में उपलब्ध कई तरह की दवाईयों का सेवन कर रहा है। जिसकी वजह से वजन कम करने की कई दवाएं आज बाजार में उपलब्ध हैं। लेकिन यदि आप चाहें तो चिरायता के प्रयोग से भी आप अपना वजन आसानी से कम कर सकते हैं.। चिरायते में मौजूद मेथेनॉल आपका उपापचय बढ़ाता है। चिरायता आपके मेटाबोलिज्म को तेज करता है और वेट लॉस करने में मददगार साबित होता है। ऐसे में वजन कम करने के लिए आप रोजाना इसके पानी का सेवन कर सकते हैं।
पाचन तंत्र को बेहतर बनाएं चिरायता।
चिरायते की तासीर ठंडी होती है, जिसकी वजह से चिरायते का सेवन अपच, पेट में गैस का जमा होना, डायरिया, पेट में सूजन और पेट दर्द में काफी लाभकारी माना जाता है। आप रोजाना सुबह खाली पेट चिरायते का सेवन करके अपने पाचन-क्रिया को ठीक रख सकते हैं। इसके अतिरिक्त चिरायता हमें लीवर की विभिन्न समस्याओं से लड़ने में भी मदद करती है। फैटी लीवर, सिरोसिस और कई अन्य लीवर से संबंधित बीमारियों को चिरायता दूर करता है। चिरायता को एक अच्छा लीवर डिटॉक्सीफायर माना जाता है और ये लीवर की कोशिकाओं के काम-काज को उत्तेजित करती है।
ब्लड शुगर को मैनेज करे चिरायता।
चिरायते का उपयोग ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए जाता है। इस हर्ब का कड़वा स्वाद ब्लड शुगर डिजीज में बहुत फायदेमंद होता है। यह इंसुलिन को उत्तेजित करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल कम होता है।
कब्ज को दूर करे चिरायता।
अगर आपको भी अक्सर कब्ज की समस्या रहती है, तो आपको रोजाना सुबह खाली पेट चिरायते के काढ़े का सेवन करना चाहिए। कब्ज पेट से जुड़ी हुई बीमारी है।इसके लिए चिरायता के पौधे से बना काढ़ा तब तक पीना चाहिए जब तक की कब्ज पूरी तरह से ठीक न हो जाए इससे आपको पुरानी से पुरानी कब्ज में भी लाभ मिलेगा।
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पेट में होने वाले कीड़ों से सुरक्षित रखे चिरायता।
आंत हमारे शरीर के प्रमुख अंगों में से एक है। इसमें आई खारबी के कारण हमारे शरीर में कई तरह के विकार हो सकते हैं। आंत की कई बीमारियाँ तो इसमें होने वाले कीड़ों से भी होती है। चिरायता में पाया जाने वाला एंथेल्मिनेटिक गुण हमारे आंत में मौजूद कीड़ों को ख़त्म करता है। चिरायता पेट के कीड़ों को भी खत्म करता है। ऐसा बताया जाता है कि सुबह भोजन के पहले चिरायता के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से आंत के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
बुखार में चिरायते का उपयोग।
चिरायता खाने का लाभ हमें बुखार जैसी साधारण बीमारियों में भी मिल जाता है। खासकर की मलेरिया बुखार में इसका उपयोग करने से बहुत ज्यादा लाभ मिलता है। बुजुर्गों के लिए चिरायता एक वरदान है क्योंकि इसका उपयोग आप टॉनिक के रूप में भी कर सकते हैं।
चिरायता के इस्तेमाल से होने वाले कुछ नुकसान।
- चिरायते की कड़वाहट से कुछ लोगों को उल्टी भी होने की संभावना रहती है। इस लिए इसको पहली बार खाने में सावधानी बरतनी चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को चिरायते का सेवन चिकत्सकीय परामर्श के बाद ही करना चाहिए।