सौरमंडल के ग्रहों की जानकारी हिंदी में |Solar System In Hindi
सौरमंडल के ग्रहों की जानकारी हिंदी में | Solar System In Hindi: इस लेख में हम जानेंगे हमारे सौरमण्डल में उपस्थित सूर्य, ग्रह और उनके उपग्रहों के महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में। जैसा की यह बात सभी जानते हैं की हमारा सौरमण्डल बहुत सारे रहस्यों से भरा हुआ है जिसमें से कुछ रहस्य धीरे-धीरे उजागर हो रहे हैं। आइए जानते हैं इन महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में।
सौरमण्डल क्या हैं?
सूर्य तथा उसके चारों ओर गुरुत्वाकर्षण के कारण चक्कर लगाने वाले विभिन्न ग्रहों, क्षुद्रग्रहों, उल्काओं, धूमकेतुओं और अन्य आकाशीय पिण्डो के समूह को सौरमण्डल कहा जाता है। वर्तमान समय में हमारे सौरमण्डल में सूर्य, आठ ग्रह, उनके उपग्रह, कुछ एस्टेरॉइड्स के साथ-साथ बहुत बड़ी संख्या में धूमकेतु सम्मिलित हैं।
यदि हम ग्रहों को इनके आकार के हिसाब से रखें तो ये इस तरह से होंगे।
- बृहस्पति
- शनि
- यूरेनस (अरुण)
- नेपच्यून (वरुण)
- पृथ्वी
- शुक्र
- मंगल
- बुध
- 1930 से सौरमंडल में प्लूटो (यम या कुबेर ) सहित कुल नौ ग्रह थे लेक़िन चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में 24 अगस्त 2006 को अन्तर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञानी संघ (आई० ए० यू ०- इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन ) की बैठक में यम(प्लूटो) का ग्रह से दर्जा समाप्त कर के यम(प्लूटो) को बौने ग्रह की श्रेणी में रखा गया। यम (प्लूटो) ग्रह की खोज 1930 में क्लाइड टॉमबाड द्वारा की गयी थी। वर्तमान में सौरमंडल में कुल आठ ग्रह हैं।
सौरमंडल के ग्रहों की जानकारी | सौरमण्डल के महत्वपूर्ण तथ्य
- सौरमण्डल का सबसे बड़ा ग्रह - बृहस्पति (Jupiter)
- सौरमण्डल का सबसे छोटा ग्रह - बुध (Mercury)
- पृथ्वी का उपग्रह - चन्द्रमा (Moon)
- सबसे अधिक चमकीला तारा - साइरस (Dog Star)
- सबसे अधिक उपग्रहों वाला- बृहस्पति (Jupiter)
- नीला ग्रह - पृथ्वी (Earth)
- सबसे अधिक चमकीला ग्रह - शुक्र (Venus)
- वर्तमान समय मे सूर्य से सबसे अधिक दूर स्थित ग्रह - नेप्चयून(वरुण)
- भोर का तारा कहा जाने वाला ग्रह - शुक्र (Venus)
सूर्य के महत्वपूर्ण तथ्य
- सूर्य एक तारा है। इसकी आयु लगभग 5 बिलियन वर्ष है।
- सूर्य की रासायनिक संगठनों में 70 प्रतिशत हाइड्रोजन, 28 % हीलियम, 1.5 % कार्बन, नाइट्रोजन,निआन, ऑक्सीज़न तथा 0.5 % लौह समुह एवं अन्य भारी तत्व पाए जाते हैं।
- सौरमण्डल के कुल द्रव्यमान का लगभग 99.85% भाग सूर्य में संचित है।
- सूर्य की पृथ्वी से न्यूनतम दूरी 14.70 करोड़ किलोमीटर है।
- सूर्य की पृथ्वी से अधिकतम दूरी 15.21 करोड़ किमी० है।
- सूर्य की पृथ्वी से मध्यम दूरी 14.98 करोड़ किमी० है।
- सूर्य का व्यास 1392200 किमी० है।
- सूर्य का अर्धव्यास 696100 किमी० है।
- सूर्य का आयतन पृथ्वी से 13 लाख गुना अधिक है।
- सूर्य का द्रव्यमान पृथ्वी से 332000 गुना अधिक है।
- सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में 8 मिनट 18 सेकंड लगते हैं।
- सूर्य एक गैसीय गोला है। वैज्ञानिक अध्ययनों से ज्ञात हुआ है की सूर्य की चमक का कारण चुम्बकीय सोलर हार्टबीट है।
ग्रह
- ग्रह उन खगोलीय पिण्डों को कहा जाता है जो एक निश्चित मार्ग पर सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।
- प्लूटो को छोड़कर अन्य सभी ग्रहों को दो समूहों में विभाजित किया जा सकता है- 1.आंतरिक ग्रह 2. वाह्य ग्रह।
- आंतरिक ग्रह घने चट्टानों से बने हैं।
- वाह्य ग्रह गैसीय हैं ये हइड्रोजन और हीलियम गैसों से बने हैं।
- सभी ग्रह सूर्य के पश्चिम से पूर्व की ओर परिक्रमा करते हैं लेकिन शुक्र और अरुण इसके विपरीत पूर्व से पश्चिम की ओर परिक्रमा करते हैं।
- सूर्य से ग्रहों की दूरी के अनुसार ग्रहों का क्रम- बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण है।
- सूर्य से ग्रहों के आकार घटने के क्रम में ग्रह इस प्रकार से हैं- बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण, पृथ्वी, शुक्र, मंगल, बुध है।
आकार के हिसाब से सौरमंडल के ग्रहों की जानकारी
1 - बृहस्पति
- बृहस्पति आकार के अनुसार यह सबसे बड़ा ग्रह है।
- आकार में बड़ा होने के कारण इसे मास्टर ऑफ गॉड्स (Master of Gods) कहा जाता है।
- बृहस्पति के वायुमण्डल में हाइड्रोजन तथा हीलियम की अधिकता है, इसके अलावा इसके वायुमण्डल में मिथेन और अमोनिया भी पायी जाती है।
- सूर्य से दूरी के क्रम में बृहस्पति पांचवा स्थान है।
- बृहस्पति को सूर्य की परिक्रमा करने में लगभग 11 वर्ष 9 महीने लगते हैं।
- बृहस्पति के उपग्रहों की संख्या 16 है।
- बृहस्पति की सूर्य से औसत दूरी 778 मिलियन किमी० है।
- बृहस्पति का सबसे बड़ा उपग्रह गेनिमीड है।
- बृहस्पति का सबसे छोटा उपग्रह सिनोया है।
- बृहस्पति अपनी धुरी पर सबसे तेजी से घूमता है।
- बृहस्पति की परिभ्र्मण अवधि 9 घण्टे, 55 मिनट है।
- बृहस्पति पर किसी वस्तु का भार पृथ्वी की अपेक्षा 2.53 गुना अधिक होगा।
- बृहस्पति पर लाल रंग का उठने वाला एक तूफ़ान है जिसे ग्रेट रेड स्पॉट (Great Red Spot) कहा जाता है।
2- शनि
- शनि आकार के अनुसार यह दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
- शनि के चारों ओर वलय (छल्ला) पाया जाता है जो इसकी प्रमुख पहचान है।
- शनि को सूर्य की परिक्रमा करने में लगभग 29 वर्ष लगते हैं।
- शनि के उपग्रहों की संख्या 61 है।
- शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है।
- शनि का सबसे छोटा उपग्रह पैन है।
- शनि की सूर्य से औसत दूरी 1427 मिलियन किमी० है।
- शनि की परिभ्र्मण अवधि 10 घण्टे, 14 मिनट अक्ष पर है।
- शनि को आकाशगंगा सदृश्य ग्रह (Galaxy like planet) भी कहते हैं।
3- यूरेनस (अरुण)
- यूरेनस (अरुण) आकर के अनुसार यह तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
- यूरेनस (अरुण) की सूर्य से औसत दूरी 2871 मिलियन किमी० है।
- यूरेनस (अरुण) को सूर्य की परिक्रमा करने में लगभग 84 वर्ष लगते हैं।
- यूरेनस (अरुण) के उपग्रहों की सम्भावित संख्या 27 है।
- यूरेनस (अरुण) का सबसे बड़ा उपग्रह टीटानिया है।
- यूरेनस (अरुण) का सबसे छोटा उपग्रह कार्डीलिया है।
- यूरेनस (अरुण) ग्रह का रंग गहरा हरा है जिसका कारण इसके वायुमण्डल में मिथेन का संकेंद्रण अधिक होना है।
- यूरेनस (अरुण) का सूर्योदय पश्चिम दिशा में तथा सूर्यास्त पूर्व दिशा में होता है।
- यूरेनस (अरुण) अपने अक्ष पर इतना झुका हुआ है की लगभग लेटा हुआ दिखाई देता है
- यूरेनस (अरुण) का आकार पृथ्वी से चार गुना बड़ा है।
- यूरेनस (अरुण) के चारों ओर वलय (छल्ला) पाया जाता है जिनकी संख्या 5 है तथा इनको एल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और इपसिलान नामों से जाना जाता है।
4- नेपच्यून (वरुण)
- नेपच्यून (वरुण) आकार के अनुसार यह चौथा सबसे बड़ा ग्रह है।
- नेपच्यून (वरुण) की सूर्य से औसत दूरी 30 खगोलीय इकाई है।
- नेपच्यून (वरुण) को सूर्य की परिक्रमा करने में लगभग 166 वर्ष लगते हैं।
- नेपच्यून (वरुण) के उपग्रहों की संख्या 8 है।
- नेपच्यून (वरुण) का सबसे बड़ा उपग्रह ट्रिटान है।
- नेपच्यून (वरुण) पीले रंग का दिखाई देता है।
5- हमारी पृथ्वी
- पृथ्वी की अनुमानित आयु 4600000000 वर्ष है।
- पृथ्वी का भूमि क्षेत्रफल 148950800 वर्ग किमी (29.08%) है।
- पृथ्वी का जलीय क्षेत्रफल 361149700 वर्ग किमी (सम्पूर्ण धरातल का 70.92 %)
- औसत घनत्व 5.52 ग्राम प्रति घन सेमी है।
- पृथ्वी द्वारा सूर्य की परीक्रमा की अवधि 365 दिन, 5 घण्टे, 48 मिनट, 45.51 सेकण्ड है।
- पृथ्वी द्वारा अपने अक्ष पर घूमने की अवधि 23 घण्टे, 56 मिनट, 40.91 सेकण्ड है।
- पृथ्वी 4 जुलाई को सूर्य से अधिक दूरी पर होती है इस अवस्था को अपसौर कहा जाता है।
- पृथ्वी 3 जनवरी को सूर्य से सबसे कम दूरी पर होती है इस अवस्था को उपसौर कहा जाता है।
- समुद्र तल से पृथ्वी की सर्वाधिक ऊँचाई 8,852 मीटर (माउण्ट एवरेस्ट) पर है।
- पृथ्वी के धरातल का सर्वाधिक निचला स्थान 396 मीटर मृत सागर(Dead Sea) है।
- पृथ्वी का केवल एक उपग्रह चन्द्रमा (Moon) है।
- पृथ्वी की भूमध्य रेखा पर परिधि 40075 किमी० है।
- पृथ्वी की ध्रुवीय परिधि 40024 किमी० है।
- पृथ्वी का विषुवत रेखीय व्यास 12755 किमी० है।
- पृथ्वी का ध्रुवीय व्यास 12712 किमी० है।
- सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में 8 मिनट 18 सेकण्ड लगते हैं।
पृथ्वी के प्रमुख पर्वत
- हिमालय - (एशिया)
- काराकोरम - (एशिया)
- एण्डीज - (दक्षिण अमेरिका )
- ग्रेट डीवाईडिंग - (ऑस्ट्रेलिया)
- रेंज - (ऑस्ट्रेलिया)
- एटलस - (अफ्रीका)
- आल्पस - (यूरोप)
- काकेशस श्रेणी - (यूरोप)
पृथ्वी के प्रमुख मरुस्थल
- सहारा
- गोबी
- कालाहारी
- अटाकामा
- तकलामकान
- थार
पृथ्वी के उपग्रह चन्द्रमा की जानकारी
- चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है।
- इसके भौतिक तत्वों तथा भूगर्भ के वैज्ञानिक अध्ययन को चन्द्रविज्ञान या सेलेनोग्राफी कहते हैं
- चन्द्रमा को जीवाश्म गृह (Fossil Planet) भी कहते हैं।
- इसकी पृथ्वी से औसत दूरी 384365 किमी० है।
- चन्द्रमा के धरातल के सबसे बड़े मरुस्थल को सागर या मारिया कहा जाता है।
- चन्द्रमा के धरातल पर 14 बड़े सागर हैं।
- जिनमे सबसे बड़ा सागर मेयर ईम्ब्रियम है जिसे फुहार का सागर कहा जाता है।
- चन्द्रमा का आकार पृथ्वी के आकार का लगभग एक चौथाई है।
- चन्द्रमा के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में 1.25 सेकंड लगता है।
- चन्द्रमा दीर्घवृत्ताकार कक्ष में पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमण के आलावा अपनी धुरी पर घूमता है।
- चन्द्रमा पृथ्वी के चारों ओर अपने दीर्घवृत्ताकार कक्ष पर 27 दिन, 7 घंटे, 43 मिनट तथा 15 सेकंड में एक परिक्रमा पूरी करता है जिस अवधि को नक्षत्र मॉस कहा जाता है।
- चन्द्रमा अपने अक्ष पर 29 दिन, 12 घंटे तथा 44 घंटे में एक परिभ्रमण पूरी कर लेता है। इस अवधि को चंद्र मास कहते हैं।
- 12 चंद्रमास की अवधि चंद्र वर्ष कहलाती है।
- पृथ्वी से चन्द्रमा की अधिकतम दूरी 41041000 किमी० है।
- पृथ्वी से चन्द्रमा की निकटतम दूरी 360000 किमी० है।
6- शुक्र
- शुक्र सूर्य से निकटवर्ती दूसरा ग्रह है।
- शुक्र की सूर्य से औसत दूरी 108 मिलियन किमी० है।
- शुक्र को सूर्य की परिक्रमा करने में 225 दिन का समय लगता है।
- सौरमण्डल का यह सबसे गरम ग्रह है।
- इसका द्रव्यमान व आकार पृथ्वी के समान है इसीलिए इसे पृथ्वी का जुड़वा ग्रह कहा जाता है।
- यह सौरमण्डल का सबसे चमकीला ग्रह है। जिस वजह से इसे प्यार एवं सुंदरता की देवी (Goddess Of Beauty And Love) कहा जाता है।
- बुध की तरह शुक्र को भी सुबह का तारा तथा शाम का तारा कहा जाता है।
- शुक्र ग्रह को बहन-ग्रह भी कहा जाता है।
- यह पृथ्वी से सर्वाधिक निकट ग्रह है।
- शुक्र का कोई भी उपग्रह नहीं है।
7- मंगल
- मंगल ग्रह लाल गेंद की तरह प्रतीत होता है। इसी कारण इसे लाल ग्रह भी कहते हैं।
- इसका अक्षीय झुकाव तथा घूर्णन गति पृथ्वी के समान होता है इसीलिए इसे पृथ्वी सदृश ग्रह माना जाता है।
- मंगल ग्रह की पृथ्वी से न्यूनतम दूरी 5.6 करोड़ किमी० है।
- मंगल ग्रह की पृथ्वी से अधिकतम दूरी 10.1 करोड़ किमी० है।
- मंगल ग्रह को सूर्य की परिक्रमा करने में 687 दिन का समय लगता है।
- मंगल का आकार अंडाकार है।
- मंगल को अपने अक्ष पर घूमने में 25 घंटे लगते हैं।
- मंगल ग्रह के दो उपग्रह - फोबोस व डीमोस जिसकी खोज एम्स हॉल ने 1877 में की थी।
8- बुध
- बुध सौरमण्डल का सबसे छोटा तथा सूर्य के सबसे निकट स्थित ग्रह है।
- बुध की सूर्य से दूरी 0.39 खगोलीय इकाई/ 58 मिलियन किमी० है।
- बुध को सूर्य की परिक्रमा करने में 88 दिन का समय लगता है।
- बुध का एक दिन पृथ्वी के 90 दिन के बराबर होता है।
- शुक्र की तरह बुध को भी सुबह का तारा तथा शाम का तारा कहा जाता है।
- बुध के सबसे पास से गुजरने वाला कृत्रिम उपग्रह मेरिमस था।
- बुध पर वायुमंडल के अभाव के कारण यहाँ पर जीवन संभव नहीं है।
- बुध का कोई भी उपग्रह नहीं है।
- यह पृथ्वी से आकार में 18 गुना छोटा है।
- इसका घूर्णन काल 58.65 दिन है।
प्लूटो (यम या कुबेर)
- प्लूटो (यम या कुबेर ) की सूर्य से दूरी 39.35 खगोलीय इकाई/ 5913 मिलियन किमी० है।
- प्लूटो (यम या कुबेर ) को सूर्य की परिक्रमा करने में 248.6 वर्ष का समय लगता है।
- प्लूटो (यम या कुबेर ) का व्यास 3000 से 3500 किमी० के मध्य है।
- प्लूटो (यम या कुबेर ) का औसत ताप 40 केल्विन है।
- प्लूटो (यम या कुबेर ) न्यूनतम घनत्व वाला ग्रह है।
- प्लूटो (यम या कुबेर ) के कुल 3 उपग्रह (शेरान, निक्स व हीड्रा) हैं।
- प्लूटो (यम या कुबेर ) का 24 अगस्त, 2006 को ग्रह का दर्जा समाप्त कर दिया गया।
- प्लूटो (यम या कुबेर ) की खोज फरवरी, 1930 में क्लाइड डब्ल्यू टॉमबॉग द्वारा अमेरिकी वेधशाला में की गयी थी।
- प्लूटो (यम या कुबेर ) को चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में 24 अगस्त 2006 को अन्तर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञानी संघ (आई० ए० यू ०- इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन) की बैठक में यम (प्लूटो) का ग्रह से दर्जा समाप्त कर के यम (प्लूटो) को बौने ग्रह की श्रेणी में रखा गया।
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