UNESCO World Heritage Sites India
वर्ष 2023 तक भारत के 42 स्थलों को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थलों की सूचि (World Heritage Sites) में शामिल किया गया है जिनमें 33 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक, 1+1 मिश्रित स्थल हैं। विश्व विरासत (यूनेस्को) संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और में शामिल भारतीय धरोहर (विरासत) स्थल जिनकी सूचि निम्न प्रकार है।
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अजंता गुफाएं
1983 में जब यूनेस्को द्वारा भारत के 4 स्थल वैश्विक विरासत की सूचि (World Heritage Sites) में शामिल किये गए जिसमें पहला नाम अजंता गुफाएं था। अजंता गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित हैं। अजंता गुफाएं भगवान् बुध की कहानियों से सम्बंधित पेंटिंग्स और कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध है।
आगरा का किला
आगरा का किला उत्तर प्रदेश के आगरा में है। इसे भी UNESCO द्वारा साल 1983 में विश्व विरासत की सूचि (World Heritage Sites) में शामिल किया गया था। आगरा का किला मुग़ल साम्राज्य में बानी संरचनाओं की अनूठी कला के लिए जाना जाता है।
एलोरा गुफाएं
एलोरा गुफाएं भी महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित हैं। यह भगवान् बुध के आलावा जैन और हिन्दू मंदिर-मठों, पहाड़ियों को देखा जा सकता है। एलोरा गुफाओं को भी साल 1983 में ही विश्व विरासत की सूचि (World Heritage Sites) में शामिल किया गया था। एलोरा गुफाओं में 34 पाषाणकालीन गुफाएं भारतीय धरोहर हैं।
ताजमहल
ताजमहल को शाहजहां ने अपनी तीसरी बेगम (पत्नी) मुमताज की याद में बनवाया था। ताजमहल को प्यार के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है यह लगभग 17 हेक्टेयर में बनी हुई एक बेहद खूबसूरत इमारत है, ताजमहल को 1983 में वैश्विक विरासत (World Heritage) में शामिल किया गया था। हर साल यहाँ भारी मात्रा में देशी और विदेशी सैलानी इसकी खूबसूरती को निहारने आते है।
महाबलीपुरम के स्मारक
महाबलीपुरम के स्मारक भारत के तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम जिले में स्थित हैं, यह ओपन एयर रॉक,पलल्व राजवंश तथा रथ मंदिर की प्रचीनशैली निर्माण के लिए जाने जाते हैं, इन स्मारकों को 1984 में वैश्विक विरासत (World Heritage) में शामिल किया गया था।
कोणार्क का सूर्य मंदिर
कोणार्क का सूर्य मंदिर उड़ीसा राज्य में स्तिथ है इस मंदिर का निर्माण लाल रंग के बलुवा पत्थरों और काले ग्रेनाइट से किया गया है इस मंदिर को इसकी वास्तुकला के लिए विश्व भर में जाना जाता है इसे भी UNESCO द्वारा साल 1984 में विश्व विरासत की सूचि (World Heritage Sites) में शामिल किया गया था।
काजीरंगा नेशनल पार्क
काजीरंगा नेशनल पार्क असम में स्थित है इस पार्क को साल 2006 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था यह पार्क द ग्रेट वन-हॉर्न (एक सींग वाला गेंडा) वाले गैंडो (भारतीय गैंडा) के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है, काजीरंगा नेशनल पार्क को UNESCO द्वारा साल 1985 में विश्व विरासत की सूचि (World Heritage Sites) में शामिल किया गया था।
केवलादेव नेशनल पार्क
केवलादेव नेशनल पार्क मानव निर्मित पार्क है जिसका निर्माण महराजा सूरजमल द्वारा करवाया गया था यह पार्क राजस्थान में स्थित है, यहाँ का मुख्य आकर्षण यहाँ पर आने वाले प्रवासी पक्षी है, जिसकी वजह से ये वाइल्डलाइफ फोटोग्राफरों और पक्षी वैज्ञानिको की पसन्दीदा जगह बन गयी है खासकर सर्दियों के मौसम में केवलादेव नेशनल पार्क को भी UNESCO द्वारा साल 1985 में (विश्व विरासत की सूचि) List Of World Heritage Sites में शामिल किया गया था।
मानस वन्यजीव अभ्यारण्य
मानस वन्यजीव अभ्यारण्य असम की प्राकृतिक वन्यजीव विरासत अभ्यारण्य,टाइगर,हाथी व बायोस्फीयर रिजर्व के लिए जाना जाता है मानस वन्यजीव अभ्यारण्य को भी UNESCO द्वारा साल 1985 में विश्व विरासत की सूचि (World Heritage Sites) में शामिल किया गया था।
गोवा के चर्च
गोवा के चर्च और कॉन्वेन्ट्स को साल 1986 UNESCO द्वारा विश्व विरासत की सूचि (World Heritage Sites) में शामिल किया गया था।
फतेहपुर सीकरी
फतेहपुर सीकरी का निर्माण मुग़ल शासक अकबर किया गया था, फतेहपुर सीकरी उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित है, फतेहपुर सीकरी शहर देश की सबसे बड़ी मस्जिदों के लिए जाना जाता है, फतेहपुर सीकरी को साल 1986 UNESCO द्वारा विश्व विरासत की सूचि (World Heritage Sites) में शामिल किया गया था।
हम्पी अवशेष
हम्पी स्मारक कर्नाटक में स्थित विरुपाक्ष मंदिर की वास्तुकला, हम्पी की खंडहर की कल देखने में अद्भुत है। साल 1986 में ही इसे यूनेस्को द्वारा (विश्व विरासत की सूचि) List Of World Heritage Sites में सम्मिलित किया गया था।
खजुराहो मंदिर
मध्य प्रदेश में स्थित खजुराहो मंदिर अपने बड़े-बड़े हिन्दू- जैन मंदिरों के आलावा कामुक आकृतियों के लिए जाना जाता है। 1986 में इसे यूनेस्को द्वारा वैश्विक धरोहर घोषित किया गया था।
एलिफेंटा की गुफाएं
एलिफेंटा की गुफाएं हिन्दू मंदिर, बौद्ध गुफाओं के लिए जाना जाता है। इसे 1987 में यूनेस्को द्वारा वैश्विक विरासत की सूचि में शामिल किया गया था।
चोल मंदिर
चोल मंदिर दक्षिण भारत के तमिलनाडु में स्थित है। इन मंदिरों का निर्माण 11 वीं और 12 वीं शताब्दी के दौरान चोल वंश के राजाओं द्वारा किया गया था। यह मंदिर अपनी मूर्तिकला, चित्रकारी और वास्तुकला के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। चोल मंदिर को 1987 में यूनेस्को द्वारा (विश्व विरासत की सूचि) List Of World Heritage Sites में सम्मिलित किया गया था।
पट्टादकल के स्मारक
कर्नाटक राज्य में स्थित पट्टादकल स्मारक समूह को 9 हिन्दू मंदिर और जैन अभ्यारण्य के लिए जाना जाता है। पट्टादकल के स्मारक को साल 1987 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत (World Heritage Sites) घोषित किया गया था।
सुंदरवन नेशनल पार्क
सुंदरवन नेशनल पार्क पश्चिम बंगाल के दक्षिण में गंगा नदी के सुंदरवन डेल्टा क्षेत्र में स्थित है। यह बाघ संरक्षित और बायोस्फीयर रिजर्व क्षेत्र है। सुंदरवन नेशनल पार्क को साल 1987 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत (World Heritage Sites) की सूचि में शामिल किया गया था।
नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान
भारत के पहाड़ी क्षेत्र में बसा राज्य देवभूमि उत्तराखण्ड अपनी प्राकृितक सुंदरता और धरोहर के लिए विख्यात है।नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1988 में वैश्विक विरासत (World Heritage Sites) की सूचि में शामिल किया गया था।
साँची का स्तूप
भगवान बुद्ध की प्रतिमाओं, महल एवं मंदिर के लिए पसाँची का स्तूप प्रसिद्ध है। सांची के स्तूप को वर्ष 1989 में यूनेस्को द्वारा विश्व विराशत की सूचि में शामिल किया गया था।
हुमायूँ का मकबरा
हुमायूँ का मकबरा दिल्ली में स्थित है। यह मुगल वास्तुकला के लिए जाना जाता है। हुमायूँ के मकबरे (Humayun को वर्ष UNESCO ने वर्ष 1993 में विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी। इसे मुगलों का शयनागार भी कहा जाता है क्योकि इसके कमरों में 150 से अधिक मुगल परिवार के सदस्य दबे हुए हैं। इसका निर्माण हुमायूँ के पुत्र महान अकबर सम्राट के संरक्षण में किया गया था। मकबरे का निर्माण वर्ष 1570 था। इसकी वास्तुकला में भारतीय, फ़ारसी और तुर्की स्थापत्य शैली का मिश्रित नमूना देखने को मिलता है।
कुतुबमीनार
क़ुतुब मीनार दिल्ली के महरौली में स्थित है। क़ुतुब मीनार भारत के सबसे प्रसिद्ध और ख़ास पर्यटक स्थलों में से एक है। यह ईंटों से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है जिसकी ऊंचाई 72.50 मीटर है। मीनार के अंदर 379 सीढियाँ हैं जो गोलाई में बनी हुई हैं। इसका निर्माण कार्य क़ुतुब-उद-दीन-ऐबक ने 1200 में शुरू किया गया था जिसे अलाऊद्दीन खिलजी द्वारा 1316 में पूर्ण किया गया था। इसकी संरचनाओं में बिजली व भूकंप के कारण हुए नुकसान की पूर्ती केलिए बाद के शासकों द्वारा पुनर्निमाण किया गया। क़ुतुब मीनार को वर्ष 1993 में UNESCO ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी।
माउंटेन रेलवे
भारत की पर्वतीय रेल नैरो गेज रेलवे लाइने हैं जो जो भारत के पहाड़ों में बनाई गयी थी उनमे से तीन पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग माउंटेन रेलवे, तमिलनाडु की नीलगिरि माउंटेन रेलवे और हिमांचल प्रदेश की कालका-शिमला रेलवे को सामूहिक रूप से भारत की पर्वतीय रेल के नाम से वर्ष 1999 में UNESCO ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी।
बोधगया का महाबोधि मंदिर
बिहार के बोधगया का महाबोधि मंदिर 4.86 हेक्टेयर (12 एकड़) में फैला है। इस मंदिर में भगवान बुद्ध की एक बहुत बड़ी प्रतिमा स्थापित है। कहा जाता है की मूर्ति उसी जगह स्थापित है जहाँ पर भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। वर्ष 2001 में इस मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की सूचि में अंकित किया गया था।
भीमबेटका की गुफाएं
भीमबेटका भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले में स्थित है। यह एक पुरापाषानिक आवासीय पुरास्थल है। भीमबेटका की गुफाएं आदि मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। यह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 85 दक्षिणपूर्व में स्थित है। यूनेस्को द्वारा वर्ष 2003 में भीमबेटका को विश्व विरासत (यूनेस्को) में शामिल किया गया था।
चम्पानेर पावागढ़ पार्क
चम्पानेर पावागढ़ पुरातत्व उद्यान भारत में गुजरात राज्य के पंचमहल जिले में स्थित है। यह प्रागैतिहासिक, चैकोलिथिक, प्राचीन हिन्दू राज्य की राजधानी का महल व किला के अवशेष के लिए प्रसिद्ध है। चम्पानेर में 11 विभिन्न प्रकार के भवन हैं। चम्पानेर पावागढ़ को वर्ष 2004 में यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल किया गया था।
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस भारत की राजधानी मुंबई का ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन है। यह मध्य रेलवे का मुख्यालय भी है। इसे पूर्व में विक्टोरिया टर्मिनस कहा जाता था वर्ष 1996 में इसका नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस तथा वर्ष 2017 में इसका नाम छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस किया गया। इसका निर्माण 1878 में शुरू हुआ था तथा इसे बनने में 10 साल का समय लगा था। 2 जुलाई 2004 को इसे यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की सूचि में सम्मिलित किया गया।
दिल्ली का लाल किला
भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित यह किला मुग़ल सम्राट शाहजहां द्वारा 1638 में बनवाया गया था। यह किला यमुना नदी के किनारे स्थित है जो तीन तरफ से नदी से घिरा हुआ है। भारतीय और मुग़ल वास्तुशैली से बना यह किला भव्य और ऐतिहासिक कलाकृति के लिए प्रसिद्ध है। इसका निर्माण कार्य 1638 से 1648 ईसवी तक चला आजादी के बाद लाल किले का इस्तेमाल सैनिक परिक्षण के लिए किया जाने लगा। इसके आकर्षण और भव्यता के कारण वर्ष 2007 में यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत की सूचि में अंकित किया गया था।
जंतर-मंतर जयपुर
जंतर-मंतर जयपुर का निर्माण सवाई जयसिंह द्वारा खगोलीय प्रेक्षण के लिए किया गया था। इस वेधशाला में 14 प्रमुख यन्त्र हैं जो समय मापने, ग्रहण की भविष्यवाणी, किसी तारे की गति और स्थिति आदि जानने में सहायक हैं। यह देश की 5 वेधशालाओं में सबसे बड़ी वेधशाला है। 1 अगस्त 2010 को यूनेस्को द्वारा इसे विश्व विरासत में शामिल किया गया था।
पश्चिमी घाट (सहयाद्रि पर्वत)
पश्चिमी घाट भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पर्वत श्रृंखला है। यह ताप्ती नदी के मुहाने से लेकर अंतदीप तक लगभग 1600 किमी० तक लम्बा है। पश्चिमी घाट में 84 उभयचर प्रजातियां, 1600 फूलों की प्रजातियां, 16 चिड़ियों की प्रजातियां और 7 स्तनपायी पायी जाती हैं जो विश्व में और कहीं नहीं हैं। वर्ष 2010 को इसे यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की सूचि में सम्मिलित किया गया।
राजस्थान के पहाड़ी किले
राजस्थान के पहाड़ी किलों में 6 किले चित्तौड़गढ़ का किला, कुंभलगढ का किला, सवाई माधोपुर का रणथम्भोर किला, झालावाड़ का गागरौन किला, जयपुर का आमेर, और जैसलमेर के राजसी किले सम्मिलित हैं जो लगभग 20 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए हैं। वर्ष 2013 को इसे यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की सूचि में सम्मिलित किया गया।
रानी की बावड़ी
रानी की बावड़ी राजस्थान के पाटन जिले में सरस्वती नदी के तट पर स्थित है। इसका निर्माण 1063 में सोलंकी शासन के राजा भीमदेव प्रथम की याद में उनकी पत्नी रानी उदयमति द्वारा करवाया गया था। यह बावड़ी जल संरक्षण की अनूठी पुरानी परम्परा के लिए जानी जाती है। इस बावड़ी में 7 तल हैं। यह बावड़ी 64 मीटर लम्बी, 20 मीटर चौड़ी और 27 मीटर गहरी है। रानी की बावड़ी को उत्तम वस्तुकला का बेजोड़ नमूना माना जाता है। वर्ष 2014 में रानी की बावड़ी को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की सूचि में अंकित किया गया था।
ग्रेट हिमालयन राष्ट्रिय उद्यान
ग्रेट हिमालयन राष्ट्रिय उद्यान हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित हैं। ग्रेट हिमालयन राष्ट्रिय उद्यान संरक्षण क्षेत्र में एशियाई काले भालू, हिमालयी ताहर, हिमालयी कस्तूरी मृग, नीली भेड, हिम तेंदुआ आदि जीव और जन्तुओ की प्रजातियाँ पाई जातीं हैं, यहाँ पर समशीतोष्ण व अल्पाइन वन पाये जाते हैं जिसमें 800 से अधिक प्रकार के पौधे और 180 से अधिक किस्म के पक्षिओं की प्रजाति का वास है। यह पार्क लगभग 754.4 वर्ग किमी० के एरिया में फैला हुआ है। इस पार्क को 1999 में राष्ट्रीय पार्क का दर्जा दिया गया तथा ग्रेट हिमालयन राष्ट्रिय उद्यान को वर्ष 2014 में यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की सूचि में सम्मिलित किया गया।
नालंदा महाविहार का पुरातत्व स्थल
नालंदा महाविहार बिहार की राजधानी पटना से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस विश्वविद्यालय में कई अध्ययन केंद्र, मठ और पुस्तकालय थे। बिहार के ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय के प्राचीन अवशेषों को 15 जुलाई 2016 में UNESCO द्वारा विश्व धरोहर की श्रेणी में शामिल किया गया था।
खं गचेंदजोंगा राष्ट्रीय उद्यान
कंचनजंगा (खांगचेंदजोंगा) उत्तरी भारत के सिक्किम राज्य में स्थित है। हिमालय के केंद्र में स्थित कंचनजंगा राष्ट्रिय उद्यान बायोस्फीयर रिजर्व है। यह उद्यान 1784 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। इस राष्ट्रीय उद्यान में हिम तेंदुआ, हिमालयी काला भालू, कस्तूरी मृग, जंगली गधा, काकड़, फ्लायिंग गिलहरी और लाल पांडा इत्यादि असंख्य जीव-जंतु पाए जाते हैं। वर्ष 2016 में ही UNESCO द्वारा कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान को विश्व धरोहर की श्रेणी में शामिल किया गया था।
कैपिटल कॉम्प्लेक्स
चंडीगढ़ कैपिटल काम्प्लेक्स भारत के चंडीगढ़ शहर में स्थित है। इस काम्प्लेक्स को ली कार्बुजिए द्वारा डिज़ाइन किया गया था। इस काम्प्लेक्स में 3 इमारतें, 3 स्मारक और 1 झील स्थित हैं जिनमें विधानसभा, सचिवालय, उच्च न्यायालय, मुक्त हस्त स्मारक, ज्यामितीय पहाड़ी और टॉवर ऑफ शैडोज सम्मिलित हैं। वर्ष 2016 में कैपिटल काम्प्लेक्स को यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की सूचि में सम्मिलित किया गया।
अहमदाबाद का ऐतिहासिक शहर
गुजरात के ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद साबरमती के पूर्वी तट पर 15 वीं शताब्दी में सुल्तान अहमद शाह द्वारा स्थापित किया गया था। अहमदाबाद शहर समृद्ध वास्तुशिल्प विरासत का केंद्र रहा है। जुलाई 2017 में UNESCO द्वारा ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद को विश्व धरोहर घोषित किया गया था।
मुंबई के विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको
महाराष्ट्र के मुंबई स्थित फोर्ट इलाके में विक्टोरियन गोथिक सार्वजनिक भवनों और आर्ट डेको भवनों का एक संग्रह है। 30 जून 2018 को UNESCO द्वारा इसे विश्व धरोहर घोषित किया गया।
जयपुर शहर
राजस्थान की जयपुर सिटी को पिंक सिटी या ओल्ड सिटी भी कहा जाता है। आमेर के महाराजा सवाई जयसिंह (द्वितीय) ने जयपुर की स्थापना की थी। राजा जयसिंह (द्वितीय) के नाम पर ही इसका नाम जयपुर पड़ा। जयपुर को आधुनिक शहरी योजनाकारों द्वारा सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में गिना जाता है। वर्ष 2019 में जयपुर शहर को यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की सूचि में शामिल किया गया।
काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर
रामप्पा मंदिर दक्षिण भारत के तेलंगाना राज्य में स्थित है। यह मंदिर मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित है जहाँ पर भगवान रामलिंगेश्वर स्वामी की पूजा की जाती है। मंदिर की मुख्य संरचना का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। परिसर में उपस्थित एक शिलालेख के अनुसार इसका निर्माण 1213 ईसवी में काकतीय शासक गणपति देव के शासनकाल में उनके सेनापति रेचारला रुद्रदेव ने करवाया था। काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर के रूप में 25 जुलाई 2021 को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित किया गया।
धोलावीरा महानगर
हड़प्पा कालीन सभ्यता के पुराने स्थलों में से एक धोलावीरा महानगर भारत के गुजरात के कच्छ जिले में स्थित एक पुरातत्व स्थल है। इसे विश्व का पहला प्राचीन महानगर माना जाता है। धोलावीरा में सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष और खंडहर मिलते हैं। इसे 27 जुलाई 2021 में विश्व विरासत का दर्जा दिया गया।
शांतिनिकेतन
नोबेल पुरस्कार विजेता रबींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित सांस्कृतिक और शैक्षिक केंद्र शांतिनिकेतन ने यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में एक प्रतिष्ठित स्थान अर्जित किया है। यह मान्यता भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित है। वर्ष 2010 से ही शांतिनिकेतन को यूनेस्को (UNESCO) द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दिलाने के प्रयास चल रहे थे। संस्कृति मंत्रालय ने मानवीय मूल्यों, वास्तुकला, कला, नगर नियोजन और परिदृश्य डिज़ाइन में इसके महत्त्व पर बल देते हुए शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था। शांतिनिकेतन को यूनेस्को द्वारा भारत के 41वें विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई है।
होयसल मंदिर
होयसल के पवित्र समूह, कर्नाटक के बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुरा के प्रसिद्ध होयसल मंदिरों को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व विरासत सूची में जोड़ा गया है। होयसल पवित्र मंदिर समूह 2014 से ही यूनेस्को की संभावित सूचि में दर्ज थे। भारत ने इसे 2022-2023 में विश्व धरोहर की सूचि में नामांकित करने के लिए भेजा था। यह समावेशन भारत में 42वें यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का प्रतीक है।रवीन्द्रनाथ टैगोर के शांतिनिकेतन को भी यह विशिष्ट मान्यता मिलने के ठीक एक दिन बाद आया है।
साल 2023 में UNESCO (विश्व धरोहर समिति) के द्वारा भारत के होयसल मंदिर और शांतिनिकेतन को वैश्विक विरासत घोषित किये जाने से भारत के अब कुल 42 धरोहर स्थलों को यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स का दर्जा हासिल हो चुका है। इस लेख में हमने List of natural and cultural heritage of India in the year 2023 UNESCO के बारे में विस्तार से जाना। आशा है आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा।
FAQ (Frequently Asked Questions)-
प्रश्न :-बिहार में कितने यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं?
उत्तर :-बिहार में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त दो विश्व धरोहर स्थल बोधगया में महाबोधि महाविहार और पूर्व नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर हैं।
प्रश्न :-कौन सा यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भारत का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है?
उत्तर :- आगरा का किला।
प्रश्न :-यूनेस्को का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
उत्तर :- पेरिस (फ्रांस)।
प्रश्न :-विरासत के प्रकार क्या हैं?
उत्तर :- विरासत तीन प्रकार से होती है -1. सांस्कृतिक 2. प्राकृतिक 3. मिश्रित।
प्रश्न :-विश्व विरासत का जंगल कौन सा है?
उत्तर :-ईरान के हरकैनियन जंगल को वैश्विक धरोहर घोषित किया है। इस जंगल में 44 फीसदी संंवहनी पौधे पाए जाते हैं।
प्रश्न :-भारत की एकमात्र मिश्रित विश्व धरोहर कौन सी है?
उत्तर :- कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान।
प्रश्न :-यूनेस्को के वर्तमान महानिदेशक 2023 कौन हैं?
उत्तर :-वर्तमान महानिदेशक ऑद्रे अजोले हैं।
प्रश्न :-उत्तर प्रदेश में कितने यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं?
उत्तर :-उत्तर प्रदेश 6 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों का प्रतिनिधित्व करता है।
प्रश्न :-ताजमहल कब यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट बना?
उत्तर :-1983 में।