भेड़िया आया कहानी | The Boy Who Cried Wolf Story |
Motivational Kids Story In Hindi
Motivational Kids Story In Hindi
दोस्तों हम सभी ने अपने बड़े-बुजुर्गों से अवश्य यह सुना होगा कि हमें कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए, झूठ बोलने से हमारी बातों की सत्यता समाप्त हो जाती है फिर कोई हमारी बात पे विश्वास नहीं करता फिर भले ही हम सच ही क्यों न बोल रहे हों। इस कहानी से यह बात चरितार्थ होती है।
आईये जानते हैं भेड़िया आया कहानी (The Boy Who Cried Wolf Story )
एक बार एक चरवाहा लड़का था। उसके पास ढेर सारी भेड़ें थी जिनको चराने के लिए वह जंगल लेकर जाया करता था। हर सुबह वह भेड़ों को चराने के लिए जंगल लेकर जाता और शाम को अपनी भेड़ों के साथ घर वापस आता था। वह बहुत शरारती था आये दिन कोई न कोई शरारत करता रहता था। वह अपनी नई-नई शरारतों से आये दिन लोगों को परेशान करता रहता था। लोगों को परेशान देखकर उसे बहुत मज़ा आता था।
एक दिन वह पेड़ की छाँव में बैठे-बैठे नई शरारत के बारे में सोच रहा था तभी उसने सोचा क्यों ना आज गाँव के लोगों को फिर से परेशान किया जाये।
उसके बाद उसने अचानक जोर जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया “बचाओ- बचाओ भेड़िया, भेड़िया, भेड़िया आया है।” वह मेरी भेड़ों को उठा कर ले जा रहा है, कोई तो मेरी भेड़ों को भेड़िये से बचाओ।
जब गाँव के लोगों ने उसकी चीख-पुकार सुनी तो वे भेड़िये को भगाने के लिए जंगल की तरफ लाठी-डण्डा लेकर दौड़े। लेकिन जब वे लोग जंगल पहुँचे तो उन्हे वहाँ कोई भेड़िया नहीं दिखायी दिया। उन्होंने देखा वहाँ पर वह लड़का आराम से लेटा हुआ था और जोर-जोर से हंस रहा था और कह रहा था हा हा हा तुम सब कैसे भागे चले आये तुमको ऐसी हालत में देखकर मुझे बहुत मजा आया मैं तो केवल मजाक कर रहा था।
उसको हँसता देखकर गाँव वालों को उसपर बहुत गुस्सा आया, उन्होंने लड़के से कहा जब कोई भेड़िया है ही नही तो तुम चिल्लाये क्यों, हम सब अपना काम छोड़कर तुम्हे बचाने के लिए दौड़ें आये हैं, और तुम हो कि हमहीं पर हंस रहे हो, गाँव वाले लड़के को चेतावनी देकर गुस्से में वहाँ से चले गये।
चरवाहे लड़के को उनके क्रोध से भरे हुए चेहरे देखकर बहुत मजा आया।वह और भी जोर-जोर से हंसने लगा।
अगले दिन लडके ने फिर वही किस्सा दोहराया और चिल्लाया “बचाओ-बचाओ भेड़िया, भेड़िया, भेड़िया आया, वह भेडों का पीछा कर रहा है।” सारे गाँव वालों ने यह सुनकर फिर जंगल की तरफ दौड़ लगा दी की शायद इस बार वाकई में भेड़िया आया हो! “हमें उसकी मदद करनी चाहिए” लेकिन इस बार भी जब वे जंगल पहुँचे तो इस बार भी उन्हें भेड़िया नहीं मिला।
सभी लोंगो को उस लड़के के ऊपर बहुत गुस्सा आया, सभी लड़के पर बहुत क्रोधित हुए और बोले जिस दिन हकीकत में भेड़िया आयेगा उस दिन तुम्हें पता चलेगा, और वहाँ से चले गये। लड़के को उनकी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ा, वह अभी भी हंस रहा था।
अब लड़के को इस काम में मजा आने लगा था वह आये दिन लोगों को “भेड़िया आया” कहकर परेशान करता रहता और यदि कोई उसकी बात को सच मान कर वहां जाते तो वह चारवाहा उन लोंगों के आने के बाद उन पर खूब हँसता।
एक दिन वह जंगल में सचमुच में भेड़िया आ गया, लड़के की साँस अटक गयी वह खड़ा हो गया और “जोर से चिल्लाया बचाओ-बचाओ भेड़िया आ गया” गाँव के लोगों ने कहा हमें बेवकूफ बनाने का इसका रोज का काम है यह आज भी हमें बेवकूफ बना रहा है इसीलिए आज हम जंगल नहीं जायेंगे।कोई भी उसकी मदद करने के लिए नहीं गया।
लड़का चिल्लाता रहा लेकिन लोगों ने उसकी बातों को अनसुना कर दिया भेड़िया उसकी भेड़ों को मारकर खाने लगा, लड़का यह सब देखकर बहुत डर गया, वह वहीं पास की झाड़ियों में छिप गया।
“उसे जंगल में ही शाम हो गयी पर भेड़िया अभी भी वहाँ से नहीं गया था वह अभी भी भेड़ों को खा रहा था”।
जब शाम तक वह लड़का अपने घर वापस नहीं लौटा तो उसकी माँ ने सभी गाँव वालों को उसके जंगल से न लौटने कि सूचना दी।
उसकी मां के कहने पर सभी गाँव के लोग मिलकर उसकी तलाश में जब जंगल में पहुचे तो उन्होंने देखा इस बार सचमुच में ही भेड़िया आया है, गाँव के लोगों ने भेड़िये को वहाँ से भगाया तब जाकर वह लड़का झाड़ी से रोते हुए बाहर आया और बोला “मैं भेड़िया आया चिल्लाया था, पर कोई मेरी मदद के लिए नहीं आया”।
“तब एक बूढ़ा आदमी लड़के को दिलासा देते हुए बोला बार-बार झूठ बोलने वाले व्यक्ति पर कोई विश्वास नहीं करता भले ही वह सच ही क्यों न बोल रहा हो।”
उस दिन उस लड़के को यह अहसास हुआ कि भेड़िया आया कहकर मजाक करने की वजह से आज उसका यह हाल हुआ है, अगर वह ऐसा न कहता तो लोग उसकी मदद के लिए जरूर आते और उसकी उसकी भेड़े भी बच जाती। लड़के को अपनी गलती का अहसास हो चुका था उसने अपनी गलती के लिए सभी गाँव के लोगों से माँफ़ी मांगी और बोला “मैंने आप लोगों से झूठ बोलकर बहुत बड़ी गलती की है, मैंने हमेशा ही अपने मनोरंजन के लिए आप सभी लोगों को परेशान किया है। कृपया मुझे माँफ कर दीजिये।”
उस दिन से उस लड़के ने यह निश्चय किया कि अब से वह कभी भी झूठ नहीं बोलेगा क्यूंकि उसके झूठ बोलने की वजह से ही लोगों का उसपर से विश्वास हमेशा लिए टूट गया है, और जरूरत पड़ने पर किसी ने भी उसकी बात का विश्वास नहीं किया।
भेड़िया आया कहानी की सीख:-
इस कहानी से यह सीख मिलती है की यदि आप बार-बार किसी से झूठ बोलेंगे तो लोगों का आपकी बातों से विश्वास टूट जाएगा, और जरूरत पड़ने पर कोई भी आपकी बातों का यकीन नहीं करेगा भले ही आप उस समय सच बोल रहें हों।
Note: The story shared here is not my original creation, I have read and heard it many times in my life and I am only presenting its Hindi version to you through my own words.
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