Moral Story समय का फेर
Change Of Time
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का!
Moral Story में हम यह देखेंगे की समय कभी भी हमेशा एक जैसा नहीं रहता है। समय में इतनी ताकत होती है की एक ही पल में राजा को रंक बना सकता है , और रंक को राजा इसीलिए हमें अपने अच्छे दिनों में घमंड नहीं करना चाहिए।
रायपुर नाम के गांव में एक बहुत ही गरीब महिला अपनी छोटी बेटी के साथ रहती थी। वे दोनों मां और बेटी मिलकर घरेलु तरीके से अपने घर पर ही साबुन तैयार करती थी, साबुन तैयार करने के लिए जिस सामग्री की जरूरत होती वे उसे पास वाले जंगल से इकठ्ठा करती और साबुन तैयार करती। अपने द्वार बनाए गए साबुनों को वो गांव के बाज़ार मे ले जाकर बेचती और उससे जो पैसे मिलते उसी से किसी तरह अपना जीवन यापन करती थी।
एक दिन उन्होंने साबुन तैयार किए और उन्हे बेचने के लिए बाजार में लेकर पहुँची। बाज़ार पहुंच कर वो साबुन के खरीदारों का इन्तजार करने लगीं किन्तु दुर्भाग्यवश उस दिन उन्हें एक भी खरीदार नहीं मिला, उन्होंने दिन से रात होने तक इन्तजार किया लेकिन कोई भी उनसे साबुन खरीदने के लिए नहीं आया उस दिन उनका एक भी साबुन नही बिका।
उस दिन उनके घर पर खाने के लिए खाना भी नहीं था। वे दोनों दुखी होकर बाज़ार से वापस लौट आयी।
सुबह से भूखे होने की वजह से उस गरीब महिला और उसकी बेटी दोनों को ही अब भूख सहन नहीं हो रही थी,
“उस दिन दोनों माँ-बेटी को ऐसा लग रहा था कि मानों दोनों भूख के कारण मर ही जायेंगी”।
गरीब महिला की बेटी भूख के कारण अपना पेट पकड़ कर रोने लगी, अपनी बच्ची की ऐसी हालत देखकर उस महिला को मजबूर होकर एक अमीर महिला के घर खाना मांगने जाना पड़ा।
जब वह अमीर महिला के घर खाना मांगने पहुँची तो, “अमीर महिला और उसकी दो बेटीयों” ने उन दोनों गरीब मां–बेटी को बहुत जोर से डाँटा और उन दोनों को धक्के मारकर अपने घर से निकाल दिया।
अमीर महिला और उसकी दोनों बेटियां बोली “तुम्हें क्या लगता है, हम जैसे अमीर लोगों को तुम जैसे गरीब लोगों से कभी कोई जरूरत पड़ेगी जो हम तुम्हें खाना दें। “जाओ हमारे घर से निकल जाओ।”
गरीब महिला और उसकी बेटी उस अमीर महिला के घर बाहर दरवाजे पर गिड़गिड़ाने और रोने लगी लेकिन अमीर महिला और उसकी बेटियों को उनके रोने की कोई परवाह नहीं हुई।
बेचारी गरीब औरत और उसकी बेटी बिना कुछ खाना खाये ही अपने घर को वापस लौट गये।
जब वे अपने घर के नजदीक पहुँचे तो उन्होंने सड़क पर किसी को खड़ा देखा जब वे थोड़ा और नज़दीक पहुंचे तो उन्होनें देखा ये जो सड़क के किनारे पर खड़ा है वो तो उस औरत की भाभी थी जिस अमीर महिला के घर वो खाना मागनें के लिए गई थी।
उसको अपने घर के नज़दीक खड़ा देख दोनों मां–बेटी बहुत डर गए तभी वो महिला उस गरीब औरत से बोली आप डरो मत मैं तो आप के लिए खाना बनाने की सामाग्री ले कर आई हुं।
मुझे मालूम है कि मेरे पति की बहन और उसकी दोनों बेटियों ने तुम्हारे साथ बहुत ही बुरा व्यवहार किया है, उन तीनों को बहुत घमंड है अपनी दौलत का उनको लगता है की उन्हें किसी की कोई जरूरत नहीं है और न ही कभी पड़ेगी किन्तु वो ये नहीं जानती की क्या मालूम कब किसकी जरूरत पड़ जाएं।
वो तो मेरे साथ भी सही तरीके से पेश नहीं आतीं हैं, खैर आप ये सब छोड़ो और ये लो खाना बनाने का सामान। उस गरीब औरत ने खाना बनाने की सामाग्री को ले लिया और उसका बहुत बहुत धन्यवाद दिया वो उससे बोलीं अगर आज आप ये सामान नहीं देती तो मैं और मेरी बेटी दोनों ही भूख से मर जाते।
उस गरीब औरत ने जल्दी से अपने घर का दरवाजा खोला और अपनी बेटी को घर के अन्दर ले गई।
जो खाना बनाने की सामग्री उसे मिली थी उसी से उसने खाना बनाया। दोनों ने भरपेट खाना खाया और सो गई।
कुछ दिनों के बाद वह अमीर औरत बहुत बीमार पड़ गई उसकी बेटियों ने उसे हकीम को दिखाया हकीम ने कहा कि उसे उनकी माँ को ठीक करने के लिए एक खास तरह का काढ़ा तैयार करना होगा जो विषेश तरह की जड़ी-बूटियों से तैयार किया जायेगा।
हकीम ने उन दोनों लड़कियों को बताया की वो विशेष जड़ी बूटी उनको खुद ही लाकर हकीम को देनी होगी तभी वो उनकी मां के लिए उस काढ़े को तैयार कर सकेगा।
दोनों लड़कियों ने उस जड़ी बूटी को बहुत खोजा किन्तु वह उन्हे कहीं भी नही मिली किसी जानकार ने उन्हे बताया कि “वह जड़ी-बूटियां एकमात्र उस गरीब महिला के घर से ही प्राप्त हो सकती है।”,
किन्तु उन्होंने उन दोनों गरीब मां–बेटी के साथ जो गलत व्यवहार किया था उसके चलतेे उनकी हिम्मत नहीं हुई कि वे गरीब औरत के घर जायें और उससे अपनी मां के काढ़े के लिए जड़ी-बूटी मांगें।
लेकिन उनकी माँ की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी अंत में उस अमीर महिला की बेटियों ने हिम्मत जुटायी और गरीब औरत के घर जाकर उससे जड़ी-बूटी की मांग की।
“गरीब औरत बोली कि वह जड़ी-बूटी देगी” किन्तु जड़ी-बूटी के बदले में तुम लोगों को अपनी संपत्ति का आधा हिस्सा मुझे देना होगा।
अमीर महिला की बेटीयों ने गरीब महिला से कहा थोड़ा तो रहम करो, हमारी माँ बहुत बीमार है क्या तुम हमसे एक जड़ी-बूटी के बदले हमारी आधी संपत्ति ले लोगी यह तो अन्याय है, “गरीब औरत ने कहा क्या तुम्हें वह दिन याद है जब मैं तुमसे खाना माँगने आयी थी और तुम लोंगों ने मुझे और मेरी बेटी को बेइजत कर के अपने घर से बाहर निकाल दिया था।”
अगर तुम्हे जड़ी-बूटी चाहिए तो अपनी आधी संपत्ति तो मुझे देनी ही पड़ेगी।
अमीर लड़कियाँ दहाड़ने लगी और उन्होंने पूरे गाँव को इकठ्ठा कर लिया और बोलीं यह गरीब औरत बहुत दुष्ट है, यह केवल एक जड़ी-बूटी के बदले में हमसे हमारी आधी संपत्ति की मांग कर रही है।
“इस गरीब औरत और इसकी बेटी को गाँव से बाहर निकाल दिया जाये।”
“गाँव वालों ने गरीब औरत से पूछा क्या ये दोनों बच्चियाँ सही कह रही हैं।”
तब गरीब महिला ने लोंगों को बताया कि “जब वह और उसकी बेटी भूख से मर रहे थे तब अमीर महिला और उसकी बेटियों ने उसके साथ क्या किया”
यह बात सुनकर सभी गाँव वालों ने गरीब महिला का साथ दिया और अमीर औरत और उसकी बेटीयों को ही दोषी ठहराया, और बोले “अब तो तुम्हें अगर जड़ी-बूटी चाहिए तो इस बेचारी औरत को अपनी संपत्ति का आधा हिस्सा देना ही पड़ेगा।”
उन अमीर घमंडी लड़कियों को अब कोई रास्ता नहीं दिख रहा था, उनके पास अब कोई विकल्प भी नहीं बचा था, अतः अपनी माँ की जान बचाने के लिए वे अपनी संपत्ति का आधा हिस्सा गरीब महिला को देने को तैयार हो गयी।
उस गरीब महिला ने भी उनकी संपत्ति का आधा हिस्सा लेकर उनको वो जड़ी-बूटी दे दी।
Moral Story से सीख
इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि कभी भी हमें किसी की बुरी स्थिति का मजाक नहीं बनाना चाहिए, परिस्थितियाँ कभी भी बदल सकती हैं जो आज का जरूरतमंद कल अमीर बन सकता है। हमें हमेशा जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।
Note: The story shared here is not my original creation, I have read and heard it many times in my life and I am only presenting its Hindi version to you through my own words.
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